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राज्य के सहिया हेल्प डेस्क को मिली राष्ट्रीय पहचान

रांची : झारखंड के सहिया हेल्प डेस्क मॉडल को राष्ट्रीय पहचान मिली है. दो से चार जुलाई तक शिमला में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में डेस्क को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए नामित किया गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्ष 2012 में सहिया हेल्प डेस्क की शुरुआत की गयी थी. इसके […]

रांची : झारखंड के सहिया हेल्प डेस्क मॉडल को राष्ट्रीय पहचान मिली है. दो से चार जुलाई तक शिमला में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में डेस्क को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए नामित किया गया है.
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्ष 2012 में सहिया हेल्प डेस्क की शुरुआत की गयी थी. इसके पीछे सोच यह था कि अस्पतालों में दूरदराज से आने वाले मरीजों को एक जाने-पहचाने चेहरे सहिया के माध्यम से सहायता की जा सके. सहिया हेल्प डेस्क में कार्यरत सहियाएं इलाज के लिए आने वाले लोगों को अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं व कार्यक्रमों सहित कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी देती हैं. जरूरत पड़ने पर ये डॉक्टर व मरीज के बीच दुभाषिए का काम भी करती हैं.
इसके अलावा सहियाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि संबंधी समस्याओं का समाधान भी किया जाता है. हेल्प डेस्क में कुल 12 सहियाएं रोटेशन के आधार पर काम करती हैं. सहियाओं को इनकी सेवा के लिए 150 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है.
हेल्प डेस्क में शिकायत पंजी भी होती है. वहीं रेफरल अस्पताल, ब्लड बैंक, एंबुलेंस, पुलिस स्टेशन सहित अन्य जरूरी संपर्क नंबर भी डेस्क उपलब्ध कराता है. हेल्प डेस्क पोस्टर, लिफलेट व बुकलेट के माध्यम से प्रचार-प्रसार का काम भी इन सहियाओं का है. पुरुष नसबंदी, बंध्याकरण, जननी सुरक्षा योजना भुगतान तथा सहिया प्रोत्साहन राशि के भुगतान का फॉर्म भी यहां मिलता है. वर्ष 2014-15 तक करीब पांच लाख लोग हेल्प डेस्क से लाभान्वित हो चुके हैं.

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