रांची: डोरंडा स्थित झालसा के न्याय सदन में आयोजित लोक अदालत का उदघाटन झारखंड हाइकोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस आरआर प्रसाद ने किया. उन्होंने कहा कि लोक अदालत वैकल्पिक न्याय पाने का सशक्त माध्यम है.
इस अदालत से सस्ता व त्वरित न्याय मिलता है. पीड़ित लोगों को इस माध्यम का पूरा उपयोग करना चाहिए. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (नालसा) के .दिशा-निर्देश पर शनिवार को राज्य भर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में 3,16,267 मामले निष्पादित किये गये. इसमें सेवा के अधिकार के तहत निष्पादित 1,90,058 मामले भी शामिल हैं. इस दौरान 12,37,31,106 रुपये का सेटेलमेंट किया गया.
68 वर्षीय महिला को मिला न्याय
हजारीबाग की 68 वर्षीय प्रमीला देवी को अंतत: सात साल बाद न्याय मिल गया. सात साल से वे हाइकोर्ट में मुआवजा की लड़ाई लड़ रही थीं. उनके पति रघुनंदन साहू बिजली विभाग में कार्यरत थे. वर्ष 2004 में बिजली करंट लगने से उनकी मौत हो गयी थी. वर्ष 2008 में मुआवजा के लिए उन्होंने हाइकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी. वह लंबित थी. जस्टिस प्रसाद ने प्रमीला देवी को 1.50 लाख रुपये का चेक बतौर मुआवजा प्रदान किया. साथ ही उक्त मामले को निष्पादित कर दिया. सीसीएल में अनुकंपा पर 18 लोगों की नियुक्ति हाइकोर्ट के आदेश पर की गयी है. शनिवार को लोक अदालत में नियुक्ति पत्र बांटा गया. जस्टिस प्रसाद ने अमित कुमार राजा, मनोज गंझू, रीता देवी, लॉउरी कुमारी, शंकर कुमार महतो सहित 18 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इस मौके पर अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार, झालसा के उप सचिव संतोष कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पक्षकार व अधिवक्ता आदि उपस्थित थे.