रांची: राजधानी की सड़कें बेहाल है. जिधर जाइए, उबड़-खाबड़ सड़कों का दृश्य दिखेगा. इन सड़कों पर उछलते-कूदते हुए गाड़ियां पार करती हैं. हर दिन आम व खास इन सड़कों से गुजरते हैं. बात सड़क बनवाने के लिए बैठे सक्षम कर्मियों तक भी पहुंचती है, पर होता कुछ नहीं. बात वहीं की वहीं रह जाती है. लोगों के मुंह से अनायास ही निकल पड़ता है : चतरा-लातेहार की कौन पूछे, यहां तो राजधानी की सड़कें ही इतनी खराब हैं.
रांची की सड़कों में सबसे खराब स्थिति बरियातू रोड की है. यहां डॉ केके सिन्हा के आवास के सामने से गुजरना मुश्किल हो गया है. गाड़ियां गड्ढे में फंस रही हैं. दुर्घटनाएं हो रही हैं. बाइक सवार गिर रहे हैं, पर किसी का ध्यान तक नहीं है. वहीं रांची-खूंटी मार्ग पर हुलहुंडू के सामने गड्ढे गिनना मुश्किल है. कांटाटोली से सुरेंद्र नाथ सेंटेनरी स्कूल के बीच गड्ढे ही गड्ढे हैं.
बरसात भर ङोलना होगा
बरसात तक इन सड़कों की स्थिति नहीं सुधरेगी. यानी बरसात भर लोगों को इसी सड़कों से होकर आना-जाना होगा. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, खराब सड़कों को चिह्न्ति कर लिया गया है. इनकी मरम्मत के लिए टेंडर निकाला जा रहा है, पर काम बरसात बाद होगा.
क्या कहते हैं इंजीनियर
पथ प्रमंडल रांची के कार्यपालक अभियंता उमेश प्रसाद ने इस मामले में कहा कि जहां काफी खराब है, उसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ महत्वपूर्ण सड़कों के टेंडर किये जा रहे हैं, ताकि इसे बनाया जा सके. बारिश में काम कराना संभव नहीं हो रहा है.