एजेंसियां, मुंबईआठ साल तक बिस्तर पर पड़े रहने के बाद 42 साल की अमिता रजानी आखिरकार अपने बिस्तर से उठ कर बेडरूम में सामने लगे शीशे के आगे खड़ी हुईं. उनके कपड़े और उनका मेकअप दोनों एक-दूसरे के लिहाज से सटीक बैठ रहा था. आठ साल बाद वह अपने बेडरूम से निकलकर अपने वसाइ स्थित बंगले के लिविंग रूम में दाखिल हुईं.अमिता रजानी 2007 से बिस्तर पर पड़ी हुई थीं. एक अनुवांशिक बीमारी के कारण उनका वजन 300 किलो तक पहुंच गया था. अब पूरे आठ साल बाद वह अपने पैरों पर फिर से खड़ी हुईं. कभी एक सफल व्यवसायी रहीं अमिता की बीते अप्रैल में सर्जरी हुई. ऑपरेशन के बाद उनका वजन 300 किलो से घट कर 183 किलो तक पहुंच गया. अभी उनका वजन और भी कम हो रहा है.बीएमआइ 100 से ऊपरउनका ऑपरेशन करनेवाले डॉक्टर शशांक शाह का कहना है कि अमिता का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) सर्जरी से पहले 100 के भी ऊपर था. किसी भी सामान्य व्यक्ति का बीएमआइ 18 से 23 के बीच होना चाहिए. सामान्य व्यक्ति का सरकमफेरेंस 80 सेंटीमीटर से कम होना चाहिए, जबकि अमिता का सरकमफेरेंस किसी भी भारतीय की तुलना में सबसे ज्यादा 100 सेंटीमीटर था.अनुवांशिक कारण जिम्मेदारअमिता की मां ममता इसके लिए अनुवांशिक कारणों को जिम्मेदार मानती हैं. वह बताती हैं कि जन्म के समय अमिता का वजन एक सामान्य बच्चे की तरह तीन किलो था. 28 सदस्यों के संयुक्त परिवार में वह सबसे छोटी थीं. छह साल की उम्र से एकाएक उनका वजन बढ़ना शुरू हुआ जो कि समय बीतने के साथ बढ़ता ही गया. 10वीं क्लास तक पहुंचते-पहंुचते उनका वजन 128 किलो तक पहुंच गया.
117 किलो वजन घटा कर आठ साल बाद बिस्तर से उठी महिला
एजेंसियां, मुंबईआठ साल तक बिस्तर पर पड़े रहने के बाद 42 साल की अमिता रजानी आखिरकार अपने बिस्तर से उठ कर बेडरूम में सामने लगे शीशे के आगे खड़ी हुईं. उनके कपड़े और उनका मेकअप दोनों एक-दूसरे के लिहाज से सटीक बैठ रहा था. आठ साल बाद वह अपने बेडरूम से निकलकर अपने वसाइ स्थित […]
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