24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पेड़ों का गला न घोटें, जड़ से कंकरीट तुरंत हटायें

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को राष्ट्रीय राज मार्गो के किनारे व डोरंडा से लेकर बिरसा चौक तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सैकड़ों पेड़ों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. हाइकोर्ट ने हरे-भरे वृक्षों को बचाने का हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को राष्ट्रीय राज मार्गो के किनारे व डोरंडा से लेकर बिरसा चौक तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सैकड़ों पेड़ों की कटाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई. हाइकोर्ट ने हरे-भरे वृक्षों को बचाने का हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को यह निर्देश दिया. कहा कि पेड़ों की जड़ से तीन फीट दूर तक लगाये गये कंक्रीट को आज शाम तक हटा दिया जाये. जड़ को सीमेंट कंक्रीट से मुक्त करें, ताकि उनकी जड़ों में हवा-पानी लग सके. वे फल-फूल सके. सीमेंट कंक्रीट से पेड़ का गला नहीं घोटा जाये. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सड़क चौड़ीकरण जरूरी है.
उससे अधिक जरूरी और चुनौती पर्यावरण संरक्षण करना व हरियाली बरकरार रखने की है. राज्य सरकार से खंडपीठ ने पूछा कि क्यों नहीं वैसी तकनीक व मशीन का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें पुराने व विशाल पेड़ को उखाड़ कर दूसरे जगह पर लगाया जाता है. कोर्ट ने स्वयं पता लगवाया है. वैसी अत्याधुनिक मशीनें हैं, संभवत: 70 लाख रुपये तक इसकी कीमत है. खंडपीठ ने पूछा कि क्या राज्य सरकार वैसी मशीनों को खरीदना चाहती है, ताकि सड़क चौड़ीकरण के दौरान पेड़ को काटना नहीं पड़े, बल्कि उसे जीवित अवस्था में ही जड़ सहित उखाड़ कर दूसरी जगह पर लगाया जा सके.
मशीन के मुद्दे पर मुख्य सचिव को राशि उपलब्ध कराने का आदेश दिया जा सकता है. खंडपीठ ने यह भी कहा कि कुछ जगहों पर अभी भी अतिक्रमण है. इसे रांची नगर निगम को स्वयं देखना चाहिए तथा कार्रवाई करनी चाहिए. हस्तक्षेप याचिकाकर्ता अनिल कुमार सिंह ने स्वयं पक्ष रखा. गौरतलब है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की कटाई को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.
वन क्षेत्र पदाधिकारी ने हस्तक्षेप याचिका दायर की, पेड़ों को बचाने की लगायी गुहार
सामाजिक वानिकी प्रमंडल के चौपारण रेंज के वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने हस्तक्षेप याचिका दायर की है.
उन्होंने याचिका में फोटोग्राफ्स भी संलगA किया है. कहा है कि हरमू बाइपास सड़क चौड़ीकरण के दौरान जो पेड़ बचे हुए हैं, उनकी जड़ों को भी सीमेंट कंक्रीट से भर दिया गया है. जड़ में हवा व पानी कैसे जायेगी, इसके लिए जगह भी नहीं छोड़ी गयी है.
पेड़ के जड़ को कम से कम छह फीट खाली रखने का प्रावधान है. 23 अप्रैल 2013 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ ने किसी भी पेड़ की जड़ को एक मीटर खाली छोड़ने को कहा था, लेकिन इसका उल्लंघन किया गया है. जंगल में लगे पेड़ों को बचाने के लिए कानून बने हुए हैं, लेकिन अधिसूचित वन क्षेत्र के बाहर के पेड़ों को बचाने के लिए कोई कानून नहीं है. जब तक कानून नहीं नहीं बन जाता है, तब तक के लिए अध्यादेश जारी किया जाये. प्रार्थी ने भूमिगत जल स्रोत को बचाने की भी अपील की है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें