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सरयू राय के प्रस्ताव पर दिल्ली में बनी सर्वसम्मति
मंथन : खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों की बैठक सरयू राय का प्रस्ताव : फूड सिक्यूरिटी स्टैंडर्ड से संबंधित मामले को खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के अधीन लाया जाये अंजनी कुमार सिंह नयी दिल्ली : राज्यों के खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्रियों की बैठक में खाद्य कीमतों की वृद्धि से निबटने सहित सभी […]
मंथन : खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों की बैठक
सरयू राय का प्रस्ताव : फूड सिक्यूरिटी स्टैंडर्ड से संबंधित मामले को खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के अधीन लाया जाये
अंजनी कुमार सिंह
नयी दिल्ली : राज्यों के खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्रियों की बैठक में खाद्य कीमतों की वृद्धि से निबटने सहित सभी राज्यों में इस वर्ष के अंत तक खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने पर सहमति बनी. बैठक में फूड सेफ्टी एक्ट पर भी चर्चा हुई. इसमें झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय के प्रस्ताव पर सभी ने सहमति जतायी और उक्त मुद्दे पर पीएम से मिलने की बात तय हुई.
श्री राय ने कहा कि जब भी खाद्य पदार्थो में मिलावट होती है, घटिया चीज पकड़ी जाती है या फिर किसी चीज में मिलावट होती है, तो खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय से लोग सवाल-जवाब करते हैं.
यह आश्चर्य की बात है कि फूड सेफ्टी एक्ट का मामला स्वास्थ्य मंत्रालय के पास है, जबकि यह मामला स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है ही नहीं. इसमें मुख्यत: ब्रांडिंग और सब स्टैंडर्ड (घटिया) का मामला बनता है, जिसकी जांच किसी प्रयोगशाला में करायी जाती है. चाहे वह घटिया समान देने की हो या फिर मिलावट करने की. चूंकि उपभोक्ता मंत्रालय के पास कंज्यूमर कोर्ट भी है इसलिए ऐसे मामले का निबटारा जल्दी किया जा सकता है. इसीलिए फूड सिक्यूरिटी स्टैंडर्ड का जो मामला है उसे खाद्य और उपभोक्ता मामलों के साथ जोड़ना चाहिए. बैठक में इस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया और यह तय किया गया कि यदि जरूरत पड़ी तो खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलेगा और उन्हें तार्किक रूप से बतायेगा कि क्यों फूड एवं कंज्यूमर में यह आना चाहिए.
खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, लक्षदीप आदि राज्यों ने जहां सितंबर तक लागू करने की बात कही, वहीं तमिलनाडु एवं जम्मू-कश्मीर ने इसे लागू करने में थोड़ा वक्त लगने की बात कही. बैठक में जमाखोरों पर कार्रवाई सहित अचानक किसी पदार्थ के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जताते हुए केंद्र और राज्यों की ओर से इस पर सम्यक कार्रवाई करने पर बल दिया गया. कई राज्यों की ओर से पर्याप्त मात्र में अनाज का न मिल पाना, गोदामों का न होना तथा जरूरत से कम आबादी को खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल किये जाने पर नाराजगी भी जतायी गयी.
झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने मांग की कि मूल्य निर्धारण के लिए मूल्य स्थिरीकरण फंड बनाया जाये. फंड राज्य सरकार बनायें, लेकिन केंद्र सरकार उसमें मदद करें. ताकि यह लगे कि जब दाम बढ़ रहा है, तो राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में मार्केट में दे सके. दूसरा स्टॉक निर्धारण की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
झारखंड में 31 अगस्त तक लागू हो जायेगा खाद्य सुरक्षा अधिनियम
झारखंड के मंत्री सरयू राय ने कहा कि राज्य सरकार 31 अगस्त तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू कर देगी. आठ जिलों में सारा पब्लिक डाटा वेबसाइट पर दे दिया गया है और 50 लाख में से लगभग 47 लाख का आंकड़ा जुटा लिया गया है.
उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि फूड सिक्यूरिटी लागू होने के बाद जो परिवार अंत्योदय योजना में शामिल नहीं है, उसे भी प्रति व्यक्ति सात किलो अनाज दिया जाये. भले ही अनाज की अधिकतम सीमा 35 किलो ही रहने दिया जाये, लेकिन प्रति व्यक्ति अनाज की सीमा सात किलो रखी जाये.
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