Advertisement
अपनी मरजी से टेंडर की तिथि बदलते रहे
कार्यपालक अभियंता पाये गये दोषी रांची : टेंडर की तिथि बढ़ाने-घटाने के मामले में पेयजल प्रमंडल मेदिनीनगर के कार्यपालक अभियंता सहित अन्य को दोषी पाया गया है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख की जांच रिपोर्ट के आधार पर विभागीय सचिव एपी सिंह ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. […]
कार्यपालक अभियंता पाये गये दोषी
रांची : टेंडर की तिथि बढ़ाने-घटाने के मामले में पेयजल प्रमंडल मेदिनीनगर के कार्यपालक अभियंता सहित अन्य को दोषी पाया गया है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख की जांच रिपोर्ट के आधार पर विभागीय सचिव एपी सिंह ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली राशि से मेदिनीनगर में नल कूप(डीटी वेल) व उच्च प्रवाही नलकूप (एचवाइडीटी) लगाने की योजना बनायी गयी थी. पेयजल विभाग के मेदिनीनगर प्रमंडल को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. पेयजल प्रमंडल ने इसके लिए टेंडर प्रकाशित किया. इस बीच मेसर्स तेजपानी नामक संस्थान ने टेंडर में गड़बड़ी करने की शिकायत की. इस शिकायत के आधार पर विभागीय सचिव ने अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर जांच का आदेश दिया.
समिति ने जांच के बाद मेदिनीनगर के कार्यपालक अभियंता को टेंडर की तिथि अपनी मरजी से घटाने बढ़ाने और अधीक्षण अभियंता को असहयोगात्मक रवैये का दोषी पाया.
समिति ने इससे संबंधित रिपोर्ट विभागीय सचिव को सौंप दी है. इसमें यह कहा गया है कि 19 मई को मेदिनीनगर प्रमंडल से नलकूप और उच्च प्रवाही नलकूप लगाने का टेंडर प्रकाशित किया गया था. इसमें टेंडर डालने और खोलने की तिथि 26 मई तय की गयी थी. बीओक्यू और इएमडी जमा करने की तिथि 26 मई और डीडी जमा करने की तिथि 30 मई निर्धारित थी. टेंडर प्रकाशित होने के बाद कार्यपालक अभियंता ने दो अलग अलग आदेश (979 और 981) जारी कर पूर्व निर्धारित तिथियों को बदला.
पहली बार जारी आदेश के सहारे कार्यपालक अभियंता ने बिड स्वीकार करने और खोलने की तिथि 26 मई से 24 मई कर दी. इएमडी जमा करने की तिथि 27 मई के बदले 25 मई और डीडी जमा करने की तिथि 30 के बदले 26 मई कर दी. तिथि में किये गये इस बदलाव के लिए कार्यपालक अभियंता ने अपने अधीक्षण अभियंता की सहमति ली. कार्यपालक अभियंता ने दूसरी बार अपने ही स्तर से तिथि बदल दी. दूसरी बार उन्होंने टेंडर खोलने की तिथि 28 मई कर दी.
कार्यपालक अभियंता ने टेक्निकल बिड खोलने के बाद मेसर्स ताजा पानी का फाइनांसशियल बिड यह कहते हुए नहीं खोला कि उसने इएमडी जमा नहीं किया है. जांच में यह पाया गया कि कार्यपालक अभियंता द्वारा तिथियों में बार बार किये गये बदलाव की वजह से इएमडी जमा नहीं कर सका था. प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता ने भी इएमडी जमा करने में मदद नहीं की थी.
कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में हाथों हाथ इएमडी जमा करने का प्रावधान था. लेकिन कार्यपालक अभियंता ने मेसर्स ताजा पानी के प्रतिनिधि को रोकड़पाल भेज दिया था. जांच रिपोर्ट में वर्णित इन तथ्यों को गंभीरता से लेते हुए विभागीय सचिव ने दोषी इंजीनियरों के विरुद्ध कार्रवाई करने निर्देश दिया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement