नयी दिल्ली. कॉरपोरेट जासूसी मामले के मद्देनजर सूचना लीक को बंद करने के लिए केंद्र ने अपने विभागों के लिए कठोर दिशा-निर्देश जारी किये हैं. इसके जरिये दूसरे जगह से आउटसोर्स किये गये कर्मियों की सुरक्षा स्क्रीनिंग को अनिवार्य बना दिया गया है. गोपनीय कार्यों को इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर से करने से बचने को कहा गया है. गृह मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि बाह्य मेमोरी उपकरण को इन कंप्यूटरों पर यूएसबी ड्राइव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और फोटो कॉपी मशीन के दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए. गृह मंत्रालय का यह दिशा-निर्देश पेट्रोलियम व नैचुरल गैस मंत्रालय समेत कुछ मंत्रालयों से गोपनीय सूचना लीक की पृष्ठभूमि में आया है. दिशा-निर्देश में है, ‘मंत्रालय और विभाग इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि गोपनीय कार्य इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटरों पर नहीं किये जायें और इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बाह्य मेमोरी उपकरण को इन कंप्यूटरों पर यूएसबी ड्राइव से नहीं जोड़ा जा सकता है.’ सभी ब्यूरो प्रमुखों से कहा गया है कि वे इस तरह के गोपनीय कार्य के लिए विशेष कंप्यूटर का निर्धारण करें. दिशा-निर्देशों को 30 जून को सभी मंत्रालयों के बीच वितरित किया गया है. दस्तावेज में है, ‘फोटोकॉपी करनेवाली मशीनों और अन्य कार्यालय उपकरणों में गणना उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल किया जाना चाहिए, ताकि अनधिकृत फोटोकॉपी नहीं हो. सीसीटीवी कैमरे भी विवेकपूर्ण तरीके से लगाये जाने चाहिए.’
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सूचना लीक पर अंकुश के लिए कर्मियों की जांच अनिवार्य होगी
नयी दिल्ली. कॉरपोरेट जासूसी मामले के मद्देनजर सूचना लीक को बंद करने के लिए केंद्र ने अपने विभागों के लिए कठोर दिशा-निर्देश जारी किये हैं. इसके जरिये दूसरे जगह से आउटसोर्स किये गये कर्मियों की सुरक्षा स्क्रीनिंग को अनिवार्य बना दिया गया है. गोपनीय कार्यों को इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर से करने से बचने को […]
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