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कमल किशोर भगत को हाइकोर्ट से मिली जमानत

अपील याचिका सुनवाई के लिए स्वीकृत रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व विधायक कमलकिशोर भगत को जमानत दे दी. हाइकोर्ट के जस्टिस आरएन वर्मा की अदालत में हत्या के प्रयास के मामले में निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद उन्हें जमानत दी […]

अपील याचिका सुनवाई के लिए स्वीकृत
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने गुरुवार को पूर्व विधायक कमलकिशोर भगत को जमानत दे दी. हाइकोर्ट के जस्टिस आरएन वर्मा की अदालत में हत्या के प्रयास के मामले में निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल अपील याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद उन्हें जमानत दी गयी. उन्हें अपील की अंतिम सुनवाई तक के लिए जमानत दी गयी है.
निचली अदालत के रिकॉर्ड में दिये गये साक्ष्य, प्रार्थी तथा राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने कमल किशोर भगत व अलेस्टेयर बोदरा को जमानत की सुविधा प्रदान की. अदालत ने 10-10 हजार के दो-दो मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया. सजा को स्थगित करने के बिंदु पर अदालत ने किसी प्रकार का आदेश देने से इनकार कर दिया. कहा कि इस अपील की जल्द से जल्द सुनवाई के लिए प्रार्थी मुख्य न्यायाधीश के समक्ष आवेदन दे सकते हैं.
26 जून को अदालत द्वारा याचिका सुनवाई के लिए स्वीकृत की गयी थी. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा (उदय बाबू) ने अदालत को बताया कि मामले के सूचक डॉ केके सिन्हा के दाहिने हाथ की तजर्नी अंगुली में साधारण फ्रैर पाया गया था. निचली अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एक्स-रे की रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गयी.
अभियुक्तों के ऊपर सूचक की हत्या का प्रयास करने का कोई साक्ष्य रिकार्ड में उपलब्ध नहीं है. श्री सिन्हा ने यह भी बताया कि झारखंड विधानसभाध्यक्ष ने निचली अदालत के फैसले के आधार पर 29 जून को कमल किशोर भगत की सदस्यता रद्द कर दी, जबकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-आठ की कंडिका चार के तहत स्पष्ट प्रावधान है कि यदि कोई सांसद या विधायक सजा होने के 90 दिनों के अंदर अपीलीय न्यायालय में चुनौती देता है, तो 90 दिनों के अंदर सदस्यता समाप्त नहीं होगी, लेकिन विधानसभाध्यक्ष ने कानून के उक्त प्रावधान को दरकिनार कर एक सप्ताह के अंदर सदस्यता समाप्त कर दी है.
निचली अदालत ने 23 जून को सुनायी थी सजा
प्रसिद्ध न्यूरो फिजिशियन डॉ केके सिन्हा की हत्या का प्रयास करने व रंगदारी मांगने के मामले में निचली अदालत ने लोहरदगा के आजसू पार्टी के विधायक कमल किशोर भगत व जंगल बचाओ आंदोलन के अलेस्टेयर बोदरा को दोषी पाकर 23 जून को सजा सुनायी थी.
उन्हें भादवि की धारा- 307 के तहत सात वर्ष, धारा- 387 के तहत पांच वर्ष, धारा- 325 के तहत दो वर्ष तथा धारा-448 के तहत छह माह की सजा सुनायी गयी थी. 28 सितंबर 1993 को डॉ सिन्हा के बरियातू स्थित आवास पर कमल किशोर भगत, अलेस्टेयर बोदरा व सुदर्शन भगत पर जानलेवा हमला करने व रंगदारी मांगने का आरोप लगा था. इस हमले में सुदर्शन भगत की मौत हो गयी थी,
जबकि कमल किशोर भगत व अलेस्टेयर बोदरा गंभीर रूप से घायल हो गये थे. सूचक डॉ सिन्हा व अलेस्टेयर बोदरा की सूचना पर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

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