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तीन माह पूर्व मिली थी धमकी
पुलिस ने की अनूप चावला के चालक से पूछताछ, हुआ खुलासा रांची : शराब कारोबारी और होटल व्यवसायी अनूप चावला पर फायरिंग शराब के कारोबार में हुए विवाद को लेकर हुई थी. चावला के चालक परमेश्वर ने इस बात की जानकारी पुलिस और परिजनों को दी है. परमेश्वर ने पुलिस को बताया है कि मार्च […]
पुलिस ने की अनूप चावला के चालक से पूछताछ, हुआ खुलासा
रांची : शराब कारोबारी और होटल व्यवसायी अनूप चावला पर फायरिंग शराब के कारोबार में हुए विवाद को लेकर हुई थी. चावला के चालक परमेश्वर ने इस बात की जानकारी पुलिस और परिजनों को दी है.
परमेश्वर ने पुलिस को बताया है कि मार्च माह में शराब दुकानों का टेंडर होने से पूर्व किसी ने अनूप चावला को फोन किया था. फोन करने वाले ने अनूप चावला को धमकी दी थी और शराब दुकान देने की मांग की थी. शराब दुकान नहीं देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी उसने दी थी. इस पर अनूप चावला ने उसे समझाते हुए कहा था कि मैं अब दुकान नहीं दे सकता, क्योंकि मैं अब सिंडिकेट से बाहर हो चुका हूं.
जब पुलिस ने परमेश्वर से पूछा कि इसके अलावा कोई दूसरी घटना जो अनूप चावला के साथ हुई हो, इस सवाल पर परमेश्वर ने बताया कि इसके अलावा उसे किसी दूसरी घटना के बारे में जानकारी नहीं है. पुलिस इस बिंदु के अलावा अन्य घटनाओं या विवाद के मामले की छानबीन कर रही है. फिलहाल पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी है.
अनूप चावला पर फायरिंग की घटना के बाद एक शूटर के साथ परमेश्वर की झड़प भी हुई थी, इसलिए परमेश्वर शूटर का चेहरा अच्छी तरह से पहचानता है. पुलिस ने हाल में जेल से निकलने कुछ पुराने अपराधियों की तसवीर दिखा शूटर की पहचान करने को उससे कहा, लेकिन शूटर की पहचान नहीं हो पायी. पुलिस शूटरों के बारे जानकारी एकत्र करने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है.
पुलिस इसके बारे भी पता लगा रही है कि अनूप चावला को मारने के लिए किसी ने अपराधियों को सुपारी तो नहीं दी थी. फिलहाल पुलिस कुछ अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है. एसएसपी की ओर से अलग-अलग टीम बनायी गयी है. पुलिस की छापेमारी लगातार जारी है.
सहमा हुआ है चावला परिवार
जब से अनूप चावला के परिजनों ने घटना की वीडियो फुटेज देखी, तब से उनकी चिंता बढ़ गयी है.इधर घटना के संबंध में अनूप चावला के पुत्र अनुराग चावला ने बताया कि अपराधी मेरे पापा की हत्या के इरादे से ही दुकान पहुंचे थे. पुलिस को जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. जब तक अपराधी गिरफ्तार नहीं हो जाते, तब तक परिवार के सदस्यों की परेशानी कम नहीं हो सकती.
रांची : सिविल सजर्न कार्यालय तथा सदर अस्पताल रांची में वर्षो से जमे कर्मचारियों को अंतत: हटा दिया गया है. छह से लेकर 24 साल तक से जमे लोगों की जगह नये लोग पदस्थापित किये गये हैं.
हालांकि कुल 23 लोग में से 10 लोगों को ही हटाया गया है. वर्षो से जमे इन लोगों को हटाने के लिए विधानसभा तक में सवाल किये गये थे. जमे लोगों पर यह आरोप लगता रहा है कि इन्होंने सिविल सजर्न कार्यालय व सदर अस्पताल की कार्य संस्कृति खराब कर दी है. बगैर इनकी मरजी के वहां कुछ नहीं होता.
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