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उंगलियां चटकाने से पहले यह जान लें आप

एजेंसियां, नयी दिल्लीअगर आपको उंगलियां चटकाने की आदत है, तो इसे तुरंत छोड़ दें क्योंकि इससे आप गठिया के शिकार हो सकते हैं. गौरतलब है कि एक ब्रिटिश दैनिक अखबार में इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हड्डियों को चटकाने की आदत गठिया का सबब बन सकती है.इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी […]

एजेंसियां, नयी दिल्लीअगर आपको उंगलियां चटकाने की आदत है, तो इसे तुरंत छोड़ दें क्योंकि इससे आप गठिया के शिकार हो सकते हैं. गौरतलब है कि एक ब्रिटिश दैनिक अखबार में इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार उंगलियों की हड्डियों को चटकाने की आदत गठिया का सबब बन सकती है.इस रिपोर्ट के अनुसार हमारी हड्डियां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी होती हैं और जहां दो हड्डियां आपस में जुड़ती हैं वह हिस्सा जोड़ कहलाता है. जब हम उंगलियां चटकाते हैं, उस समय हम वास्तव में इन जोड़ों को खींच रहे होते हैं और इस तरह हड्डियों को एक दूसरे से दूर खींचते हैं. ऐसे में आपस में जुड़ी हड्डियां दूर होती हैं और जोड़ के भीतर का दबाव भी कम होता है.कैसे आती है हड्डी चटकने की आवाजघुटने, कोहनी और उंगलियों के जोड़ों में एक विशेष प्रकार का द्रव पाया जाता है, जो दो हड्डियों के जोड़ पर ग्रीस के जैसे काम करता है और हड्डियों को आपस में रगड़ खाने से रोकता है. जोड़ों पर दबाव के कम होने से इस विशेष प्रकार के द्रव में मौजूद गैस जैसे कार्बन-डाइ-ऑक्साइड नये बने खाली स्थान को भरने का काम करती है और ऐसे में द्रव में बुलबुले बन जाते हैं. जब हम जोड़ों को काफी अधिक खींचते हैं तो दबाव कम होने से यह बुलबुले फूट जाते हैं और हड्डी चटकने की आवाज आती है. एक बार जोड़ों पर बने इन बुलबुलों के फूटने के बाद द्रव में दोबारा गैस के घुलने में 15 से 30 मिनट का समय लगता है. इसी कारण हाल ही में चटकाये गये जोड़ को तुरंत दोबारा चटकाने से आवाज नहीं आती. यह समझा जाता है कि जोड़ों के बार-बार खिंचाव से पकड़ कमजोर हो सकती है और हड्डियों के जोड़ पर मौजूद ऊतक नष्ट भी हो सकते हैं.

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