यह एक कानूनी प्रक्रिया है. इस मामले में यदि आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने पूर्व में थोड़ी दिलचस्पी दिखायी होती, तो शायद आज यह नौबत नहीं आती.
बुधवार को जमशेदपुर सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में श्री बेसरा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के साथ 13 मई 1989 को तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह के साथ हुई वार्ता में तय किया गया था कि आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लिये जायेंगे. पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 3500 मामले वापस कर लिये थे, लेकिन इस मामले में आगे शिथिलता बरती गयी.