इसका प्रयास किया जायेगा. केंद्र सरकार विकलांग जनों को तीन प्रतिशत का आरक्षण तीन विभिन्न श्रेणियों में उपलब्ध कराती है. इसमें नेत्रहीनता की स्थिति, कान से नहीं सुनने की स्थिति और शारीरिक विकलांगता की श्रेणी है. सभी श्रेणी के लिए एक-एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.
झारखंड में सिर्फ नेत्रहीन और श्रवणहीन नि:शक्तता पर ही नियोजन में तवज्जो दी जा रही है. शारीरिक विकलांगता को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. राजधानी के हीरामनी कुमारी की ओर से सौंपे गये स्मार पत्र के बाद विभागीय मंत्री ने यह फैसला लिया है. हीरमानी ने डॉ मरांडी को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दिये जा रहे आरक्षण के बाबत दस्तावेज भी सौंपे.