नयी दिल्ली. साहित्य अकादमी ने 23 भाषाओं में लेखन के लिए बुधवार को अपने सालाना युवा पुरस्कार का ऐलान किया, जिसमें कविताओं का वर्चस्व रहा. एक बयान में बताया गया है कि कविताओं की 13 किताबों, तीन उपन्यासों, लघु कहानियों के छह संग्रह और साहित्यिक आलोचना की एक किताब ने वर्ष 2015 के साहित्य अकादमी अवार्ड जीते हैं. कश्मीरी भाषा के लिए इस साल पुरस्कार नहीं दिया गया है. अवार्ड की सिफारिश 23 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला एक निर्णायक मंडल करता है और इसे अकादमी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा मंजूरी दी जाती है. अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक बुधवार को हुई. कविता संग्रह के लिए युवा पुरस्कार जीतनेवालों में में मृदुल हलोई (असमिया), सुदीप चक्रवर्ती (बांग्ला), संदीप ‘सूफी’ (डोगरी), श्रीनिशा नाइक (कोंकणी), नारायण झा (मैथिली), आर्यम्बिका (मलयालम), अंगोम सरिता देवी (मणिपुरी), वीरा राठौड़ (मराठी), रितुप्रिया (राजस्थान), रुषिराज जानी (संस्कृत), सुचित्रा हंसदा (संथाली), मनोज चावला ‘तन्हा’ (सिंधी) और अमीर इमाम (उर्दू) शामिल हैं. सपन प्रधान (नेपाली) ने साहित्यिक आलोचना के लिए पुरस्कार जीता. पुरस्कार प्रदान करने के लिए समारोह के आयोजन की तारीख बाद में तय की जायेगी. पुरस्कार में ताम्र पट्टिका और 50,000 रुपये का चेक दिया जायेगा.
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साहित्य अकादमी युवा अवार्ड में कविता का वर्चस्व
नयी दिल्ली. साहित्य अकादमी ने 23 भाषाओं में लेखन के लिए बुधवार को अपने सालाना युवा पुरस्कार का ऐलान किया, जिसमें कविताओं का वर्चस्व रहा. एक बयान में बताया गया है कि कविताओं की 13 किताबों, तीन उपन्यासों, लघु कहानियों के छह संग्रह और साहित्यिक आलोचना की एक किताब ने वर्ष 2015 के साहित्य अकादमी […]
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