जस्टिस आरएस सोढ़ी, दिल्ली हाइकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीशझारखंड में आजसू पार्टी के विधायक कमल किशोर भगत को निचली अदालत द्वारा सात सात की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी सदस्यता स्वत: खत्म हो गयी है. जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को असंवैधानिक करार दिये जाने के बाद दो साल या उससे अधिक सजा पानेवाले सांसदों और विधायकों की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म करने का फैसला सुनाया गया था. पहले सांसदों और विधायकों को 90 दिन के भीतर ऊपरी अदालत में इसे चुनौती देने का अधिकार था और उनकी सदस्यता भी बची रहती थी. लेकिन अब वे भले ही फैसले के खिलाफ अपील करें, लेकिन सदस्यता नहीं बचेगी. ऐसे में आजसू विधायक की सदस्यता भी सजा सुनाते ही तत्काल प्रभाव से खत्म हो गयी है. यही नहीं वह सात साल की सजा के अलावा अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के भी योग्य नहीं रह गये. यानी वह 13 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, बशर्ते उच्च अदालत उन्हें सभी आरोपों से बरी घोषित कर दे. जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (1), 8 (2) और 8 (3) के तहत दो साल या उससे अधिक दोषी पाये जाने पर सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और कई अन्य नेताओं की सदस्यता खत्म हो चुकी है.
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सदस्यता स्वत: खत्म, 13 साल चुनाव नहीं लड़ सकते
जस्टिस आरएस सोढ़ी, दिल्ली हाइकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीशझारखंड में आजसू पार्टी के विधायक कमल किशोर भगत को निचली अदालत द्वारा सात सात की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी सदस्यता स्वत: खत्म हो गयी है. जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को असंवैधानिक करार दिये जाने के बाद […]
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