तसवीर राज वर्मा देंगेसंवाददातारांची. डॉ प्रोफेसर वीरभारत तलवार ने अपनी दुर्लभ किताबें व पत्रिकाएं रांची के फादर कामिल बुल्के शोध संस्थान को दान कर दी है. इनमें हिंदी साहित्य, आलोचना, कविता, कहानी और भाषा विज्ञान से संबंधित किताबें है. ये किताबें हिंदी के साहित्यकारों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और सामान्य पाठकों के लिए बहुत उपयोगी हैं. इसके साथ ही उन्होंने हंस, आलोचना, तदभव, पहल और पिछले पचास सालों में प्रकाशित हुई दर्जनों पत्रिकाओं के विभिन्न अंक भी शोध संस्थान को सौंप दिये हैं. इन पत्रिकाओं में कभी रांची से प्रकाशित हुई पत्रिका स्थापना के भी कुछ अंक शामिल हैं. इनके अलावा प्रो तलवार के पास झारखंड आंदोलन से संबंधित बड़ी संख्या में दस्तावेज उपलब्ध हैं. ये दस्तावेज ऐतिहासिक महत्व के हैं. इनमें आदिवासी भाषाओं में लिखा और आदिवासियों के बारे में लिखा हुआ हिंदी साहित्य भी हैं. प्रो तलवार ने इच्छा जाहिर की है कि कोई संस्था इनकी सही व्यवस्था कर सके तो इन दस्तावेजों को भी वे उपलब्ध करा सकते हैं. गौरतलब है कि 23 वर्ष तक नयी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाने के बाद प्रो तलवार एक वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं. उनको झारखंड से गहरा लगाव रहा है . यहीं कारण है कि उन्होंने संग्रहणीय पुस्तकों व पत्रिकाओं को यहां दान किया है.
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प्रो तलवार ने अपनी पुस्तकें शोध संस्थान को दान की
तसवीर राज वर्मा देंगेसंवाददातारांची. डॉ प्रोफेसर वीरभारत तलवार ने अपनी दुर्लभ किताबें व पत्रिकाएं रांची के फादर कामिल बुल्के शोध संस्थान को दान कर दी है. इनमें हिंदी साहित्य, आलोचना, कविता, कहानी और भाषा विज्ञान से संबंधित किताबें है. ये किताबें हिंदी के साहित्यकारों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और सामान्य पाठकों के लिए बहुत उपयोगी हैं. इसके […]
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