अनुसंधान में ज्यादा निवेश करें औषधि कंपनियांनयी दिल्ली. सरकार ने औषधि बनानेवाली कंपनियों से अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाने का अनुरोध किया, ताकि देश सस्ती लागतवाले स्वास्थ्य उत्पादों एवं सेवाओं के मामले में शोध के एक केंद्र के रूप में उभर सके. शुक्रवार को उद्योग मंडल फिक्की के इंडिया लाइफ साइंसेस पर एक सम्मेलन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि भारत को जेनेरिक दवाओं के विनिर्माण से आगे बढ़ना होगा और सस्ती लागतवाले स्वास्थ्य उत्पादों एवं सेवाओं के मामले में अनुसंधान के एक केंद्र के रूप में उभरना होगा. इंडियन लाइफ साइंसेस पर दृष्टिकोण पत्र-2030 जारी करते हुए नड्डा ने कहा, भारतीय विनिर्माता अपने कुल कारोबार का दो प्रतिशत से कम अनुसंधान एवं विकास पर खर्च कर रहे हैं. कंपनियों को नये मोलेक्यूल्स के विकास तथा अनुसंधान पर निवेश करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, हम बेहतर अनुसंधान एवं विकास के मामले में जो सुझाव हैं, उसका समर्थन करने को तैयार हैं. हम औषधि कंपनियों की सिफारिशों पर चर्चा करेंगे. लेकिन, हमें देखना है कि हमारा अनुसंधान एवं विकास कैसे और मजबूत बन सकता है. मंत्री ने कहा कि कई जैव-औषधियों तथा नवोन्मेषी मोलेक्यूल्स का पेटेंट 2018 में समाप्त हो रहा है और ऐसे में यह देश की कंपनियों के लिए एक अवसर है.
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फिक्की के ‘इंडिया लाइफ साइंसेस’ पर सम्मेलन में बोले स्वास्थ्य मंत्री
अनुसंधान में ज्यादा निवेश करें औषधि कंपनियांनयी दिल्ली. सरकार ने औषधि बनानेवाली कंपनियों से अनुसंधान एवं विकास में निवेश बढ़ाने का अनुरोध किया, ताकि देश सस्ती लागतवाले स्वास्थ्य उत्पादों एवं सेवाओं के मामले में शोध के एक केंद्र के रूप में उभर सके. शुक्रवार को उद्योग मंडल फिक्की के इंडिया लाइफ साइंसेस पर एक सम्मेलन […]
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