-पीजी सीटें बढ़ाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री गंभीर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे बातरांची. रिम्स के पीजी स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के एवज में मात्र दस हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में मिलते हैं. यह राशि दूसरे राज्यों से काफी कम है. चिकित्सकों ने इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को दी. चिकित्सकों ने बताया कि अन्य राज्यों में जो राशि दी जाती है, उसमें हर माह वृद्धि भी होती है. एमसीआइ का आदेश भी है कि पीजी स्टूडेंट्स को मिलने वाले वेतन का आधा स्टाइपेंड के रूप में मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है. यही नहीं, पीजी का वेतन भी कम है. रिम्स में पीजी का वेतन 46 हजार रुपये है, जबकि रिनपास में पीजी चिकित्सकों को 56 हजार रुपये मिलते हैं. इस दौरान स्टूडेंट्स ने पीजी सीटें भी बढ़ाने की भी मांग की. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल रिम्स निदेशक को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व एमसीआइ के नाम पत्र तैयार करने का निर्देश दिया है.अन्य राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में स्टाइपेंड की स्थिति:संस्थान का नामस्टाइपेंड की स्थितिएम्स नयी दिल्ली18000 रुपयेप बंगाल18000 रुपयेदिल्ली17000 रुपयेअसम17000 रुपयेझारखंड10000 रुपयेरिम्स के विद्यार्थियों ने दी बधाई:मेडिकल सीटें बढ़ाये जाने को लेकर रिम्स के विद्यार्थियों ने हर्ष जताया है. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉ अजीत ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के प्रति आभार प्रगट किया है.
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रिम्स में सबसे कम स्टाइपेंड
-पीजी सीटें बढ़ाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री गंभीर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे बातरांची. रिम्स के पीजी स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के एवज में मात्र दस हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में मिलते हैं. यह राशि दूसरे राज्यों से काफी कम है. चिकित्सकों ने इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को दी. चिकित्सकों ने […]
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