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घरेलू कामगार महिलाओं ने निकाला मार्च

रांची : अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस पर राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन से जुड़ी महिला कामगारों ने जिला स्कूल परिसर से राजभवन तक मार्च कर ‘मुङो प्रधानमंत्री से मिलना है’ अभियान की शुरुआत की. बैनर और तख्तियां थामे सैकड़ों महिलाओं ने मार्च के दौरान ‘200 – 400 रुपये नहीं, 1000 रुपये पेंशन दो, भारत सरकार आइएलओ […]

रांची : अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस पर राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन से जुड़ी महिला कामगारों ने जिला स्कूल परिसर से राजभवन तक मार्च कर ‘मुङो प्रधानमंत्री से मिलना है’ अभियान की शुरुआत की.
बैनर और तख्तियां थामे सैकड़ों महिलाओं ने मार्च के दौरान ‘200 – 400 रुपये नहीं, 1000 रुपये पेंशन दो, भारत सरकार आइएलओ सम्मेलन 189 को अनुसमर्थन दे, घरेलू कामगार की सुरक्षा के लिए समुचित कानून बनाओ’ के नारे लगाये.
राजभवन के समक्ष सभा को संबोधित करते हुए राज्य संयोजक फादर चेतन ने कहा कि घरेलू कामगारों को राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के तहत पेंशन व मातृत्व लाभ से जोड़ा जाये.
घरेलू कामगारों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार राष्ट्रीय कानून बनाये. उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की प्रस्तावित योजनाएं वृद्ध कामगार व गर्भवती महिला कामगारों को सुरक्षा प्रदान नहीं कर रही हैं. बोर्ड असंगठित क्षेत्र के प्रत्येक कामगार को 60 साल की उम्र होने पर कम से कम एक हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दे. इस मौके पर झारखंड घरेलू कामगार यूनियन की अध्यक्ष रेणु लिंडा, सच्ची कुमारी, वासवी किड़ो, सुजित गोस्वामी, सुनीता मुंडा, आशा देवी, उर्मिला देवी, शांति देवी, मंजू देवी ने भी अपनी बातें रखी.
फादर चेतन ने बताया कि घरेलू कामगारों की दुर्दशा व मांगों से अवगत कराने के लिए पिछले कई महीनों से प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क करने का प्रयास किया गया, जो असफल रहा.
इसलिए अंतरराष्ट्रीय घरेलू कामगार दिवस पर ‘मुङो प्रधानमंत्री से मिलना है’ अभियान की शुरुआत की गयी है. इसके तहत अपनी मांगों से जुड़े पोस्टकार्ड भेजे जायेंगे, राज्यपाल व अन्य पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे जायेंगे, हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा.

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