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एक से लागू नहीं होगा खाद्य सुरक्षा : रामविलास पासवान
झारखंड में तैयारी पूरी नहीं, पासवान ने कहा रांची : झारखंड में एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं होगा. केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को तैयारी की समीक्षा की. इसे कमतर बताते हुए एक जुलाई से अधिनियम लागू करने से इनकार किया. उन्होंने गोदाम की क्षमता, कार्ड डिजिटाइजेशन, इंड टू […]
झारखंड में तैयारी पूरी नहीं, पासवान ने कहा
रांची : झारखंड में एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं होगा. केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को तैयारी की समीक्षा की. इसे कमतर बताते हुए एक जुलाई से अधिनियम लागू करने से इनकार किया. उन्होंने गोदाम की क्षमता, कार्ड डिजिटाइजेशन, इंड टू इंड कंप्यूटराइजेशन समेत अन्य तैयारी की जानकारी ली. श्री पासवान ने पूछा : पूरी तैयारी कब तक हो जायेगी.
उन्हें बताया गया कि 31 अगस्त तक तैयारी पूरी हो जायेगी. श्री पासवान ने कहा : तब एक सितंबर से कार्यक्रम शुरू किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य की कुल 80.6% आबादी को अधिनियम के तहत खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना है. यह कार्यक्रम टुकड़ों में नहीं, बल्कि एक साथ लागू किया जाना है.
इससे पहले राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय व विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने श्री पासवान को बताया कि वह एक जुलाई से सात जिलों, एक अगस्त से आठ जिलों व एक सितंबर से शेष नौ जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू कर देंगे. समीक्षा बैठक होटल बीएनआर में हुई.
चीनी का आवंटन बढ़ाया जा सकता है : सरयू राय ने केंद्रीय मंत्री श्री पासवान से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के मद्देनजर चीनी का आवंटन सात हजार टन से बढ़ा कर 10.5 हजार टन करने व दाल को भी खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाने का आग्रह किया. श्री पासवान ने कहा : चीनी का आवंटन बढ़ाया जा सकता है, पर दाल को खाद्य सुरक्षा के दायरे में नहीं लाया जा सकता.
खाद्य सुरक्षा अधिनियम में कुल 23 तरह का अनाज देने की बात है, पर व्यावहारिक रूप में सरकार चावल व गेहूं ही खरीदती है.
तीन जिलों में भंडारण क्षमता शून्य
इससे पहले भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के क्षेत्रीय महाप्रबंधक मुथुरमण व केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) के अधिकारियों ने अनाज की जरूरत व उपलब्धता के साथ ही गोदामों की भंडारण क्षमता संबंधी जानकारी केंद्रीय मंत्री को दी. बताया कि राज्य के तीन जिलों में भंडारण क्षमता शून्य है. इनमें खूंटी, प सिंहभूम व गोड्डा जिले शामिल हैं.
गोदाम के लिए नहीं मिल रही जमीन : सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने बताया कि वे राज्य सरकार से चार जिलों दुमका, पाकुड़, साहेबगंज व गिरिडीह में गोदाम निर्माण के लिए जमीन मांग रहे हैं, पर नहीं मिल रही है. खाद्य आपूर्ति सचिव विनय चौबे ने बताया कि तीन जिले संताल परगना में हैं, जहां एसपीटी एक्ट के कारण जमीन उपलब्ध कराना मुश्किल है.
धान खरीद का मामला भी उठा
समीक्षा के दौरान धान खरीद (प्रोक्योरमेंट) की भी बात उठी. मंत्री सरयू राय ने बताया कि गत दो वर्षो से राज्य में अनाज नहीं खरीदा गया है, क्यों? जवाब में विभागीय सचिव ने बताया कि लैंपस-पैक्स के जरिये धान की खरीद होती थी. इनमें से ज्यादातर डिफॉल्टर हो गये हैं. कार्यक्रम में जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी, एफसीआइ व एसएफसी के अधिकारी भी मौजूद थे.
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