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11 वीं की नहीं हुई परीक्षा, भविष्य पर संकट

100 से अधिक गैर प्रस्वीकृत इंटर कॉलेजों के विद्यार्थियों का भविष्य अधर में जैक को लेनी है परीक्षा सरकार से नहीं गया है कोई निर्देश रांची : राज्य के सौ से अधिक इंटर कॉलेजों में अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों की 11वीं की परीक्षा नहीं ली गयी है. बिना परीक्षा दिये इन स्कूलों के विद्यार्थी 12वीं कक्षा […]

100 से अधिक गैर प्रस्वीकृत इंटर कॉलेजों के विद्यार्थियों का भविष्य अधर में
जैक को लेनी है परीक्षा सरकार से नहीं गया है कोई निर्देश
रांची : राज्य के सौ से अधिक इंटर कॉलेजों में अध्ययनरत हजारों विद्यार्थियों की 11वीं की परीक्षा नहीं ली गयी है. बिना परीक्षा दिये इन स्कूलों के विद्यार्थी 12वीं कक्षा में प्रोन्नत नहीं किये जा सकते. इस तरह इनका पंजीकरण इंटर की वार्षिक परीक्षा के लिए नहीं किया जा सकेगा. झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा जनवरी माह में नियमित तरीके से 11वीं की परीक्षा ली जा चुकी है.
गैर प्रस्वीकृत इंटर कॉलेजों के विद्यार्थियों की 11वीं की परीक्षा परीक्षा लेने से जैक ने इनकार कर दिया था. मांग पत्र भी कॉलेज प्रबंधनों को नहीं दिया गया. झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा ने इस मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी है. मोरचा की ओर से कहा गया है कि इस मुद्दे पर पांच जून को मुख्यमंत्री व विधानसभाध्यक्ष को ज्ञापन तथा 15 जून के बाद बिरसा चौक पर धरना-प्रदर्शन व आमरण अनशन किया जायेगा.
विद्यार्थियों को हो रहा है नुकसान : 11वीं परीक्षा से वंचित विद्यार्थियोंका भविष्य अधर में लटकता नजर आ रहा है. अब तक न तो परीक्षा ली गयी और न ही पंजीकरण संबंधी प्रक्रिया शुरू की गयी है. विद्यार्थी चिंतित है, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल पा रहा है. गौरतलब है कि प्रस्वीकृति प्राप्त कॉलेजों के विद्यार्थियों की परीक्षा जनवरी माह में हो चुकी है.
प्रस्वीकृति का मामला सरकार व जैक के पास है महीनों से लंबित
झारखंड इंटरमीडिएट महाविद्यालय स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति नियमावली 2005 के तहत इंटर कॉलेजों को स्थापना अनुमति तथा प्रस्वीकृति दी जाती है. इसके लिए अलग-अलग शर्ते निर्धारित हैं.
जानकारी के अनुसार स्थापना अनुमति प्राप्त 105 इंटर कॉलेजों की प्रस्वीकृति का मामला महीनों से राज्य सरकार व जैक के पास लंबित पड़ा हुआ है. प्रस्वीकृति मामले के त्वरित निष्पादन पर किसी का ध्यान नहीं है. लगभग 45 कॉलेजों की प्रस्वीकृति की संचिका एक साल से मानव संसाधन विकास विभाग में लटकी है. वहीं दर्जनों इंटर कॉलेजों की संचिका जैक के पास पड़ी है. बताया जाता है कि जैक बोर्ड नहीं रहने के कारण मामला लंबित है. इसका खामियाजा संबंधित इंटर कॉलेजों की 11वीं कक्षा में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.
विधानसभाध्यक्ष ने दिया था नियमन
स्थापना अनुमति प्राप्त इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए जैक द्वारा मांग पत्र नहीं देने का मामला विधानसभा में भी उठा था. तीन मार्च को आजसू विधायक कमल किशोर भगत ने 11वीं की परीक्षा से वंचित किये गये हजारों विद्यार्थियों का मामला उठाते हुए उनकी परीक्षा लेने की मांग की थी.
इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा था कि 2014-2016 सत्र के विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए सरकार इन कॉलेजों को अंतिम मौका देगी. इसके बाद विधानसभाध्यक्ष ने नियमन दिया था. उक्त नियमन की प्रति मानव संसाधन विकास विभाग के पास नहीं पहुंच पायी. इस कारण जैक को राज्य सरकार से अब तक निर्देश नहीं मिल पाया है.

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