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विधायकों के आयकर का भुगतान भी जनता के पैसे से
रांची : राज्य के मंत्री व विधायक अपनी आमदनी से आयकर भी नहीं देते हैं. राज्य में मंत्रियों के वेतन भत्ता नियमावली में आयकर कटौती की भरपाई का प्रावधान किया गया है. सरकार ने एकीकृत बिहार में लागू इस नियम को झारखंड में प्रभावी बनाया है. नियमावली में कहा गया है कि मंत्रियों, विधायकों के […]
रांची : राज्य के मंत्री व विधायक अपनी आमदनी से आयकर भी नहीं देते हैं. राज्य में मंत्रियों के वेतन भत्ता नियमावली में आयकर कटौती की भरपाई का प्रावधान किया गया है. सरकार ने एकीकृत बिहार में लागू इस नियम को झारखंड में प्रभावी बनाया है.
नियमावली में कहा गया है कि मंत्रियों, विधायकों के वेतन भत्ते पर लगनेवाले आयकर का भुगतान सरकार करेगी. इस नियम के आलोक में सरकार पहले मंत्रियों व विधायकों के वेतन-भत्ते से आयकर की कटौती करती है. बाद में इसकी भरपाई करती है. यानी मंत्रियों, विधायकों को आयकर के रूप में काटी गयी राशि लौटा देती है.
चालू वित्तीय वर्ष में 1.62 लौटायेगी सरकार : चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य के मंत्रियों व विधायकों के वेतन भत्ते से आयकर के रूप में 1,62,52,134 रुपये की कटौती किये जाने का अनुमान है.
राज्य के मुख्यमंत्री के वेतन भत्ते से आयकर के रूप में 3,60,500 रुपये की कटौती का अनुमान है. विधानसभा अध्यक्ष के वेतन भत्ते से आयकर के रूप में 3,41,960 रुपये की कटौती का अनुमान है. मंत्रियों और विधायक दल के नेता के वेतन भत्ते से आयकर के रूप में 34,36,080 रुपये की कटौती का अनुमान है. वहीं, सचेतक और उप सचेतक के वेतन भत्ते से क्रमश: 2,32,574 और 2,30,720 रुपये की कटौती का अनुमान है. 82 विधायकों की विधानसभा में से मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचेतक, उप मुख्य सचेतक को छोड़ बाकी बचे 65 विधायकों के वेतन भत्ते से 1,13,81,500 रुपये की कटौती का अनुमान है. यह राशि कटौती के बाद मंत्रियों, विधायकों को सरकार की ओर से लौटा दी जायेगी.
मंत्रियों व विधायकों की ओर से देय आयकर
पदनाम वेतन-भत्ता आयकर
मुख्यमंत्री 1,85,000 3,60,500
अध्यक्ष 1,80,000 3,41,960
मंत्री 1,60,000 2,86,340
नेता विरोधी दल 1,60,000 2,86,340
सचेतक 1,45,500 2,32,574
उप सचेतक 1,45,000 2,30,720
विधायक 1,20,000 1,75,100
नोट : मंत्रियों व विधायकों के वेतन भत्ते से कटौती की जानेवाली आयकर की गणना में सत्कार भत्ता, आयकर की धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये के निवेश पर छूट के अलावा 2.50 लाख रुपये की राशि घटा कर की गयी है. आयकर की राशि में तीन प्रतिशत एजुकेशन सेस जोड़ कर कुल देयता की गणना की गयी है.
वर्तमान से अधिक भूतपूर्व पर खर्च
झारखंड में वर्तमान विधायकों की सुख सुविधाओं के मुकाबले भूतपूर्व विधायकों पर अधिक खर्च है. फिलहाल वर्तमान विधायकों को सरकार की ओर से दी जानेवाली सुख सुविधाओं पर सालाना चार करोड़ 61 लाख 70 हजार रुपये खर्च हो रहा है. इसके मुकाबले भूतपूर्व विधायकों को देय सुख सुविधाओं पर सालाना छह करोड़ 57 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं. भूतपूर्व विधायकों पर होनेवाला यह खर्च वर्तमान के मुकाबले करीब 1.5 गुना अधिक है. सरकार ने वर्तमान विधायकों के वेतन भत्ते और सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी की है.
भूतपूर्व विधायकों की पेंशन और सुविधाओं में भी बढ़ोतरी की है. जनवरी 2015 से प्रभावी नये वेतन भत्ते और पेंशन से अब वर्तमान विधायकों पर सालाना 10 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च का अनुमान है. हालांकि भूतपूर्व विधायकों को दी जानेवाली सुख सुविधाओं और पेंशन पर सालाना 13 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च का अनुमान है. राज्य में वर्तमान विधायकों की संख्या 82 है. जबकि पेंशन व पारिवारिक पेंशन पानेवालों की संख्या 350 है.
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