रांची: देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में झारखंड ने परचम लहराया है. जेएनयू छात्र संघ के चार पदों के चुनाव में सब पर आइसा ने बाजी मारी है. सीपीआइ (एमएल) यानी माले के छात्र संगठन की सभी सीटों पर कब्जा जमाया. इन चार में से दो सीटों पर झारखंड के छात्रों ने दमखम दिखाया. सिमडेगा की अनुभूति इग्नेस बाड़ा उपाध्यक्ष चुनी गयीं, वहीं गढ़वा के सुदूर गांव निवासी सरफराज हामिद संयुक्त सचिव बने. अनुभूति जेएनयू से इतिहास में एम-फिल कर रही हैं.
वर्ष 2010 में जेएनयू प्रवेश परीक्षा के टॉपर रहे सरफराज फ्रेंच भाषा में एमए की पढ़ाई कर रहे हैं. अनुभूति के पिता जोसेफ बाड़ा जेएनयू में सोशल साइंस विभाग में कार्यरत थे. अनुभूति सिमडेगा के खूंटीटोली की रहनेवाली हैं. पुश्तैनी घर में दादा जॉन बाड़ा रहते हैं. वहीं सरफराज का घर गढ़वा के ऊंचरी टोली में है. पिता शेख हामिद किसान हैं. सरफराज छात्र राजनीति से देश-समाज की दिशा बदलना चाहते हैं.
कांग्रेस-भाजपा जैसी पार्टियों के छात्र संगठनों को मात देकर झारखंड के इन छात्रों ने जेएनयू में वाम राजनीति को एक दिशा दी है. झारखंड के सवालों को जेएनयू छात्र संघ के चुनाव का भी एजेंडा बनाया है. नगड़ी में आदिवासी जमीन पर जबरन दखल को इन छात्रों ने बहस का विषय बनाया. झारखंड जैसे प्रदेश में आदिवासी जमीन पर लूट, राजनीतिक अराजकता, विकास योजनाओं में माफिया-बिचौलियों की घुसपैठ, माओवाद के नाम पर दमन चक्र विषय कैंपस राजनीति की परिधि में थे.