कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरण विशेषज्ञ व सर्वोच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता एमसी मेहता ने गंगा के प्रदूषण के संबंध में एक पुरानी बात सुनायी. कहा कि सन 1985 की बात है. हरिद्वार में गंगा के पानी में आग लग गयी थी. यह आग नदी में करीब एक किमी तक फैल गयी थी. पानी में 10-15 फुट तक आग की लपटें उठ रही थी. जब मुझे यह सूचना मिली, तो मैं हरिद्वार गया. पता चला कि भारत सरकार की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लि. (भेल) गंगा में कोई रसायन बहाती थी. किसी ने पानी में माचिस की तिली फेंक दी, जिससे आग लग गयी. उस आग को बुझने में 30 घंटे लगे थे. हमने भेल तथा एक दवा कंपनी पर सुप्रीम कोर्ट में केस किया था. इसके बाद कोर्ट ने गंगा के बहाव में पड़ने वाले आठ राज्यों को गंगा का प्रदूषण रोकने संबंधी निर्देश दिये थे. दरअसल हर आदमी चाहे वह किसी भी पेशे से जुड़ा हो, सिविल सोसाइटी का हिस्सा है. खुद की जागरूकता व सक्रियता के बगैर न समाज की रक्षा होगी न ही नदियों की.
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जागरूकता के बगैर न समाज की रक्षा होगी न ही नदियों की : एमसी मेहता….पर्यावरण का जोड़….समाप्त
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरण विशेषज्ञ व सर्वोच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता एमसी मेहता ने गंगा के प्रदूषण के संबंध में एक पुरानी बात सुनायी. कहा कि सन 1985 की बात है. हरिद्वार में गंगा के पानी में आग लग गयी थी. यह आग नदी में करीब एक किमी तक फैल गयी थी. पानी […]
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