काठमांडू. वैज्ञानिकों ने बुधवार को आगाह किया है कि अगर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि होती रही, तो इस सदी के अंत तक हिमालय में एवरेस्ट क्षेत्र के ग्लेशियर न्यूनतम 70 फीसदी तक कम हो सकते हैं या पूरी तरह खत्म हो सकते हैं. नेपाल, फ्रांस और नीदरलैंड के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने यह पाया है कि एवरेस्ट ग्लेशियर भविष्य के तापमान के लिहाज से बहुत संवेदनशील हो सकता है. इस अनुसंधान के नेतृत्वकर्ता और इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटिग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट में एक ग्लेशियर जलविज्ञानी जोसेफ शेया ने कहा कि इस क्षेत्र में भविष्य में होने वाले ग्लेशियरों में परिवर्तन स्पष्ट हैं. तेजी से हो रहे ग्लेशियरों के क्षय से तापमान ों वृद्धि हो सकती है. शेया और उसकी टीम ने जिस ग्लेशियर मॉडल का प्रयोग किया था, उसमें यह दर्शाया गया है कि सदी के अंत तक ग्लेशियर में 70 फीसदी से लेकर 99 फीसदी के बीच तक की कमी आ सकती है. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि परिणाम इस बात पर निर्भर करता है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कितनी वृद्धि होती है और इससे तापमान, बर्फबारी और वर्षा पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है.
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2100 तक खत्म हो सकते हैं एवरेस्ट के ग्लेशियर : अध्ययन
काठमांडू. वैज्ञानिकों ने बुधवार को आगाह किया है कि अगर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि होती रही, तो इस सदी के अंत तक हिमालय में एवरेस्ट क्षेत्र के ग्लेशियर न्यूनतम 70 फीसदी तक कम हो सकते हैं या पूरी तरह खत्म हो सकते हैं. नेपाल, फ्रांस और नीदरलैंड के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने […]
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