बीजिंग. भारत-चीन सीमा पर मैकमहोन रेखा के अवैध होने के अपने रुख पर अडिग रहते हुए चीन ने आज कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों के लिए अधिक अनुकूल हालात बनाने को लेकर ‘दोस्ताना विचार विमर्श’ के जरिये पेचीदा सीमा मुद्दे के तत्काल हल के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है. क्या कहा चीन ने विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड पर बीजिंग का रुख स्पष्ट है. उन्होंने कहा, ‘चीन सरकार मैकमहोन रेखा को मान्यता नहीं देती, जो अवैध है. चीन तत्काल दोस्ताना विचार विमर्श के जरिये सीमा विवाद का हल करने के लिए भारत के साथ काम करने और द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए अधिक अनुकूल हालात बनाने के लिए तैयार है.’ डोभाल ने 22 मई को कहा कि था कि सीमा विवाद का हल भारत-चीन संबंधों के लिए अहम है और सभी पेचीदा विषयों के हल के लिए एक अधिक बड़ी योजना की अपील की. चीन-भारत सीमा वार्ता पर विशेष प्रतिनिधि डोभाल ने कहा था कि चीन के साथ संबंध आगे बढ़ रहे हैं, ‘हम विशेष रूप से पूर्वी सेक्टर के बारे में चिंतित हैं, जहां तवांग (अरुणाचल प्रदेश) पर दावा किया गया है, जो पूरी तरह से स्वीकार्य सिद्धांतों के प्रतिकूल है.’ 1914 के शिमला समझौते के तहत इस रेखा का नामकरण सर हेनरी मैकमहोन के नाम पर किया गया था, जो ब्रिटिश शासित भारत सरकार के विदेश सचिव थे और चीन के साथ विवाद निबटाने में मुख्य वार्ताकार थे.
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चीन ने डोभाल को दिया जवाब, कहा
बीजिंग. भारत-चीन सीमा पर मैकमहोन रेखा के अवैध होने के अपने रुख पर अडिग रहते हुए चीन ने आज कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों के लिए अधिक अनुकूल हालात बनाने को लेकर ‘दोस्ताना विचार विमर्श’ के जरिये पेचीदा सीमा मुद्दे के तत्काल हल के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है. क्या कहा […]
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