लंदन. एक नये अध्ययन में पाया गया है कि अंटार्कटिका के पहले स्थिर रहे क्षेत्र में बर्फ के एक बड़े हिस्से के पिघलने से पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र में थोड़ा सा बदलाव हुआ है. अंटार्कटिक की बर्फ की चादरों की मोटाई की माप करते हुए शोधार्थियों ने पाया कि दक्षिणी अंटार्कटिक द्वीप ने 2009 तक बदलाव का कोई संकेत नहीं दिया था. शोधार्थियों ने बताया कि वर्ष 2009 के आसपास करीब 750 किमी की लंबाई वाले ग्लेशियर से अचानक ही समुद्र में बर्फ पिघल कर घुलनी शुरू हो गयी. यह अंटार्कटिका में समुद्र स्तर की वृद्धि में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया. इन बदलावांे का पता क्रायोसैट 2 उपग्रह के जरिए लगाया गया. यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का एक मिशन है, जो बर्फ के रिमोट सेंसिंग को समर्पित है. डेटा का पांच साल विश्लेषण करने पर शोधार्थियों ने पाया कि कुछ ग्लेशियरों की बर्फ की सतह हर साल चार मीटर घट रही है. क्षेत्र में यह प्रक्रिया इतनी तेजी से हो रही है कि इससे पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र में छोटा सा बदलाव हो गया है.
BREAKING NEWS
अंटार्कटिक बर्फ के घटने से पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र में बदलाव
लंदन. एक नये अध्ययन में पाया गया है कि अंटार्कटिका के पहले स्थिर रहे क्षेत्र में बर्फ के एक बड़े हिस्से के पिघलने से पृथ्वी के गुरुत्व क्षेत्र में थोड़ा सा बदलाव हुआ है. अंटार्कटिक की बर्फ की चादरों की मोटाई की माप करते हुए शोधार्थियों ने पाया कि दक्षिणी अंटार्कटिक द्वीप ने 2009 तक […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement