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हर महीने आरोपी को दो 6000 रुपये

सुप्रीम कोर्ट का एनआइए को आदेशएजेंसियां, नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को एक अभूतपूर्व आदेश में एक आरोपी को छह हजार रुपये मासिक देने और उसके रहने की व्यवस्था करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला आने तक एनआइए को ऐसा करने को कहा है. उच्चतम न्यायालय ने […]

सुप्रीम कोर्ट का एनआइए को आदेशएजेंसियां, नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को एक अभूतपूर्व आदेश में एक आरोपी को छह हजार रुपये मासिक देने और उसके रहने की व्यवस्था करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला आने तक एनआइए को ऐसा करने को कहा है. उच्चतम न्यायालय ने उत्तर-पूर्व के एक विद्रोही संगठन के एक सदस्य को जमानत देने के दौरान यह आदेश दिया.जस्टिस जे चेलमेश्वर और आरके अग्रवाल की खंडपीठ ने छह अप्रैल को मणिपुर के विद्रोही संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट के संदिग्ध सदस्य ओनम मोनिटोन सिंह को छह अप्रैल को जमानत दी थी. हालांकि कोर्ट ने शर्त रखी की जमानत के दौरान उत्तर-पूर्व के सातों राज्यों में ट्रायल सुनवाई को छोड़ कर नहीं जायेगा और तब तक कोलकाता में ही रहेगा. कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को सही माना क्योंकि वह पिछले साढ़े चार साल से जेल में था. सिंह के वकील ने कहाकि, उनके मुवक्किल के पास कोलकाता में रहने के लिए कोई साधन नहीं है क्योंकि वह छात्रावस्था के दौरान ही उसे कस्टडी में ले लिया गया था. इस पर कोर्ट ने कहाकि, एनआइए कोलकाता में रहने की उपयुक्त जगह की व्यवस्था करे, साथ ही केस खत्म होने तक हर महीने छह हजार रुपये दिये जाए. इसके अलावा याचिकाकर्ता जब भी गुवाहाटी जाए तो एनआइए उसके आने-जाने और अन्य खचार्े की व्यवस्था भी करे.सिंह ने गुवाहाटी ट्रायल कोर्ट और हाइकोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एनआइए ने उसे सितंबर 2010 में गिरफ्तार किया था. एनआइए अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी को इस तरह का आदेश पहली बार मिला है.

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