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खान दुर्घटना में झारखंड दुनिया के टॉप टेन में

रांची : औद्योगिक आपदा से राज्य को निबटने की जरूरत है. भोपाल जैसी गैस त्रसदी न हो, इसके लिए उद्योगों को सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे. खान दुर्घटना में झारखंड दुनिया के 10 टॉप स्थानों में शामिल है. यहां 1965 में धनबाद खान दुर्घटना हुई थी, जिसमें 375 लोग मारे गये थे. वहीं 1971 में चास […]

रांची : औद्योगिक आपदा से राज्य को निबटने की जरूरत है. भोपाल जैसी गैस त्रसदी न हो, इसके लिए उद्योगों को सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे. खान दुर्घटना में झारखंड दुनिया के 10 टॉप स्थानों में शामिल है. यहां 1965 में धनबाद खान दुर्घटना हुई थी, जिसमें 375 लोग मारे गये थे.
वहीं 1971 में चास में खान दुर्घटना से 341 लोग मारे गये थे. झारखंड में खान दुर्घटना नियमित रूप से होते रहती है. यहां के उद्योगों का अपना आपदा प्रबंधन प्लान है फिर भी इसमें समन्वय की जरूरत है. हर जगह खतरा है पर इन खतरों को सुरक्षात्मक उपाय कर टाला जा सकता है. राज्य सरकार को अब औद्योगिक आपदा की स्थिति से निबटने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. खनिज बहुल इलाका होने के कारण झारखंड में अकसर ठनका गिरने की समस्या बनी रहती है. इससे बचाव के उपाय करने होंगे.
यह विचार मेनस्ट्रीम डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड क्लाइमेट चेंज एडाप्शन इन इंडस्ट्रीयल सेक्टर इन झारखंड विषय पर आयोजित सेमिनार में उभर कर आये.
इंजीनियर भवन डोरंडा में इंस्टीटय़ूशन ऑफ इंजीनियर्स व आपदा प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन किया गया. वक्ताओं ने कहा कि औद्योगिक प्रदूषण से पर्यावरण और कामगारों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है. वक्ताओं ने इसके लिए डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान अपनाने का सुझाव दिया.
झारखंड के पेट्रोल पंपों के पास सर्टिफिकेट नहीं : दूबे
डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीटय़ूट (डीएमआइ) भोपाल के निदेशक राकेश दूबे ने कहा कि भोपाल जैसी त्रसदी दोबारा न हो, इसके लिए अब हर उद्योगों को एहतियात बरतने की जरूरत है.
भोपाल में आज पीढ़ी दर पीढ़ी प्रभावित हो रही है. सभी औद्योगिक प्रतिष्ठानों में आपदा प्रबंधन योजना लागू करने की जरूरत है. डीएमआइ झारखंड सरकार को सहयोग करने के लिए तैयार है. श्री दूबे ने कहा कि 2010 के कानून के मुताबिक, अब पेट्रोल पंप संचालकों को भी डीएमआइ भोपाल से प्रमाण पत्र लेना है. पर झारखंड के पेट्रोल पंपो ने डीएमआइ का प्रमाण पत्र नहीं लिया है. बिना प्रमाण पत्र के ही पेट्रोल पंप चलाये जा रहे हैं.
आपदा प्रबंधन मजबूत किया जायेगा : बरवार
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव सुधांशु भूषण बरवार ने कहा कि झारखंड में आपदा प्रबंधन को मजबूत किया जा रहा है.इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा रहा है. झारखंड में 44 फीसदी मिनरल हैं, जिसके चलते यहां ठनका गिरने की समस्या बनी रहती है. राज्य एवं जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकार का गठन कर ऐसी घटनाओं से जान-माल को बचाने के प्रयास चल रहे हैं.
डिजास्टर फोर्स के गठन की प्रक्रिया चल रही है. इन्हें संचार एवं सूचना तकनीक से लैस किया जायेगा. रांची में मौसम विभाग को टॉप रडार से जोड़ा जायेगा, ताकि मौसम की सटीक भविष्यवाणी मिल सके.
सेमिनार में कर्नल संजय श्रीवास्तव, भगवान दास, मेकन के डीजीएम डॉ विकास कुमार, विजय कुमार, सेल के राजीव कुमार, आइबीएम के आरके पुरोहित ने भूमिगत खदानों में रेस्क्यू सिस्टम पर विचार रखा.

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