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अभी तक लाइन की नहीं हुई मरम्मत
अगले माह आ जायेगा मॉनसून, पर अधिकतर सब स्टेशनों की हालत खराब जोरदार बारिश हुई, तो घंटों बिजली की आपूर्ति हो सकती है बाधित राजकुमार रांची : अगले माह से मॉनसून की बारिश शुरू हो जायेगी, लेकिन अभी तक बिजली लाइन की मरम्मत नहीं हो पायी है और न ही सब-स्टेशनों की मरम्मत हो पायी […]
अगले माह आ जायेगा मॉनसून, पर अधिकतर सब स्टेशनों की हालत खराब
जोरदार बारिश हुई, तो घंटों बिजली की आपूर्ति हो सकती है बाधित
राजकुमार
रांची : अगले माह से मॉनसून की बारिश शुरू हो जायेगी, लेकिन अभी तक बिजली लाइन की मरम्मत नहीं हो पायी है और न ही सब-स्टेशनों की मरम्मत हो पायी है. इस कारण यदि मॉनसून में जोरदार बारिश हुई, तो बड़े इलाके में घंटों बिजली की आपूर्ति बाधित रह सकती है.
मालूम हो कि हाल ही में 12 मई को आयी जोरदार आंधी, बारिश व ओला गिरने से घंटों बिजली की आपूर्ति बंद हो गयी थी. बड़े इलाके में लोगों को घंटों बगैर बिजली के रहना पड़ा था. वहीं, इससे पूर्व भी हुई बारिश में कई इलाकों में बिजली घंटों गुल रही थी.
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अब तक लाइन की मरम्मत शुरू हो जानी चाहिए था, जिससे मानसून में सामान्य रूप से बिजली की आपूर्ति में मदद मिलती. 33 केवी लाइन से लेकर 11 केवी व एल टी लाइन तक की मरम्मत होनी है. मालूम हो कि 33 केवी लाइन व 11 केवी लाइन के अलावा एल टी लाइन के किनारे भी वृक्षों की छंटाई से लेकर कमजोर पड़े जंफर व अन्य खराब पड़े उपकरणों को बदलना है.
वहीं, सब-स्टेशनों में भी बड़ी-बड़ी झाड़ी व घास की साफ-सफाई से लेकर जंफर आदि को दुरुस्त किया जाना है, जिसके लिए विभाग को तत्काल पहल करने की जरूरत है.
कई सब-स्टेशनों का ब्रेकर खराब : वर्तमान में कोकर ग्रमीण, कोकर शहरी, आरएमसीएच, कुसई, तुपुदाना, टाटीसिलवे, अरगोड़ा, रातू, कांके, विकास, सिदरौल सहित कई अन्य सब-स्टेशन का ब्रेकर खराब है.
अधिकतर जगहों पर ब्रेकर को डायरेक्ट चलाया जा रहा है, वहीं कई जगहों पर जोड़-तोड़ कर इसे चलाया जा रहा है. फलस्वरूप आये दिन खराबी आने पर बिजली बंद हो जा रही है. वहीं इसकी वजह से ग्रिड तक की लाइन ट्रिप कर जा रही है.
मानसून से पहले लाइन की मरम्मत हो जायेगी : एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक ओम प्रकाश अंबष्ठ ने कहा कि मानसून से पहले लाइन की मरम्मत करा ली जायेगी. फिलहाल इसके सर्वे का काम चल रहा है. जल्द ही सर्वे का काम पूरा होने के बाद इसे शुरू कर दिया जायेगा. जहां आवश्यकता महसूस की जा रही है, वहां लाइन की मरम्मत की जा रही है. 200 केवीए के दो से तीन ट्रांसफारमर आकस्मिक स्थिति के लिए रखे हुए हैं.
रांची : कोकर ग्रामीण सब-स्टेशन में लगभग तीन साल से 10 एमवीए का पावर ट्रांसफारमर बेकार पड़ा हुआ है. दो साल पूर्व यह ट्रांसफारमर जल गया था, जिसके बाद इसकी जगह पर नया ट्रांसफारमर लगाया गया और इसे यहीं छोड़ दिया गया.
यदि इस ट्रांसफारमर की मरम्मत करा ली जाती, तो कहीं भी यह उपयोग में आ जाता. जिससे न सिर्फ किसी सब-स्टेशन का लोड कम होता, बल्कि उस इलाके में उपभोक्ता को बेहतर बिजली मिलने लगती.
मालूम हो कि रांची में ही विभाग का अपना ट्रांसफारमर रिपेयरिंग वर्क्स है, जहां इसकी मरम्मत की जाती है. लेकिन आज तक न तो इस ट्रांसफारमर को वहां भेजा गया है और नहीं इसे कंपनी को वापस किया गया है. ज्ञात हो कि नये 10 एमवीए के ट्रांसफारमर की कीमत वर्तमान में 40 से 45 लाख के बीच है.
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