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सीबीआइ जांच करेगी या नहीं, बताये : कोर्ट
रांची : हाइकोर्ट में नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जवाब-तलब किया. खंडपीठ ने पूछा कि राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है, इसके […]
रांची : हाइकोर्ट में नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) से जवाब-तलब किया.
खंडपीठ ने पूछा कि राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है, इसके बावजूद आपने जांच शुरू नहीं की. जवाब देने के लिए अदालत से दो बार समय लिया, लेकिन जवाब दाखिल नहीं किया गया. समय पर जवाब दाखिल नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए खंडपीठ ने पूछा कि सीबीआइ मामले की जांच करेगी अथवा नहीं.
मुख्यालय से निर्देश लेकर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा. मौखिक रूप से कहा गया कि यदि सीबीआइ मामले की जांच नहीं करती है, तो कोर्ट स्वयं उचित निर्णय लेगा. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 19 मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व खंडपीठ ने सीबीआइ के अधिवक्ता केपी देव को कोर्ट में बुलाया तथा निर्देश जारी किया.
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने खंडपीठ को बताया कि अगस्त 2014 में ही तारा शाहदेव प्रकरण की सीबीआइ जांच के लिए अनुशंसा कर दी गयी है, लेकिन जांच शुरू नहीं हुई है. पुलिस ने जांच पूरी कर अदालत में चाजर्शीट दाखिल कर दी है. अदालत ने ट्रायल भी शुरू कर दिया है.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पुलिस जांच में मामले से जुड़े प्रभावशाली लोगों को बचाने का आरोप लगाया.
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