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3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देना संभव नहीं : सरकार

नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देना संभव नहीं है. श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्र्ेाय ने राज्यसभा को बताया कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 एक अंशदायी योजना है. इसमें सभी प्रकार के भुगतानों का दायित्व […]

नयी दिल्ली. सरकार ने बुधवार को बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन देना संभव नहीं है. श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्र्ेाय ने राज्यसभा को बताया कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 एक अंशदायी योजना है. इसमें सभी प्रकार के भुगतानों का दायित्व निधियों की आस्तियों से पूरा किया जाता है. इस योजना की वित्तीय व्यवहार्यता से बिना समझौता किये 3000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन दिया जाना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि 3000 रुपये की न्यूनतम पेंशन लाखों मौजूदा पेंशन धारकों और करोड़ों भावी पेंशन धारकों को प्रदान करने से इसका बहुत बड़ा वित्तीय प्रभाव पड़ेगा तथा इससे मौजूदा पेंशन निधि भी बुरी तरह प्रभावित होगी. मंत्री ने बताया कि राज्यसभा की प्रतिवेदन समिति की 147 वीं रिपोर्ट के अनुसार, यदि सरकार के अंशदान को 1.66 फीसदी से बढ़ा कर 8.33 फीसदी किया जाता है, तो वर्ष 2013-14 के लिए इस सिफारिश के कार्यान्वयन में 16,417 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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