छात्रओं को नहीं चाहते हुए भी को एजुकेशन (सह शिक्षा) वाले कॉलेजों में नामांकन लेना पड़ता है. वर्ष 2015 में इंटरमीडिएट दोनों संकाय में छात्रओं का रिजल्ट छात्रों से बेहतर रहा. साइंस में कुल 20, 632 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुई थीं, जिसमें से 65 फीसदी छात्राएं सफल रहीं. साइंस में छात्रों का रिजल्ट 63.20 फीसदी रहा. कॉमर्स में छात्राएं छात्रों की तुलना में काफी आगे रही.
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राज्य के 10 जिलों में महिला कॉलेज नहीं
रांची: राज्य की बेटी कम संसाधन में बेहतर पढ़ाई कर रही है. छात्रओं को अगर बेहतर संसाधन मिले, तो वे और भी बेहतर कर सकती हैं. राज्य गठन के 15 वर्ष बाद भी राज्य के सभी जिलों में सरकारी महिला कॉलेज नहीं खोला जा सका है. मैट्रिक के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए राज्य […]
रांची: राज्य की बेटी कम संसाधन में बेहतर पढ़ाई कर रही है. छात्रओं को अगर बेहतर संसाधन मिले, तो वे और भी बेहतर कर सकती हैं. राज्य गठन के 15 वर्ष बाद भी राज्य के सभी जिलों में सरकारी महिला कॉलेज नहीं खोला जा सका है. मैट्रिक के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए राज्य के दस जिलों में एक भी महिला कॉलेज नहीं है. छात्रओं को मैट्रिक के बाद आगे की पढ़ाई में काफी परेशानी होती है.
कॉमर्स संकाय में राज्य भर में 17935 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुई थीं, जिसमें से 81.80 प्रतिशत छात्राएं सफल हुईं. 31137 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 69.49 प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए. साइंस में भी 24 में से 14 जिला में छात्राओं ने छात्रों से बेहतर रिजल्ट कर दिखाया. कॉमर्स में जामताड़ा में 95 फीसदी व हजारीबाग में 90.66 फीसदी छात्राएं सफल रही. जबकि किसी भी जिले में छात्रों का रिजल्ट 90 फीसदी नहीं रहा. राज्य में मैट्रिक पास करनेवाली छात्रओं के लिए इंटरमीडिएट की पढ़ाई की सुविधा नहीं है. इस कारण छात्रओं को मैट्रिक के बाद आगे की पढ़ाई में काफी परेशानी होती है. मैट्रिक में पास करनेवाली छात्रओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
इन जिलों में महिला कॉलेज नहीं
राज्य के 24 जिलों में से मात्र दस जिलों में सरकारी महिला कॉलेज हैं. 14 जिलों में एक भी सरकारी महिला कॉलेज नहीं है. रांची, जमशेदपुर, चाईबासा, हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, दुमका, देवघर व पलामू में सरकारी महिला कॉलेज हैं.
तीन वर्षो से चल रही प्रक्रिया
राज्य में चार महिला कॉलेज खोलने की प्रक्रिया गत तीन वर्षो से चल रही है. पर अब तक एक भी कॉलेज बन कर तैयार नहीं हुआ है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में कार्य के पुन: आकलन के लिए बजट में 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है. पाकुड़, साहेबगंज, सरायकेला व बहरागोड़ा में महिला कॉलेज खोला जाना है.
सरकार ने राज्य के सभी जिलों में महिला कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. इसके लिए प्रक्रिया शुरू की गयी है. जिलों से जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया है. जिन जिलों में जमीन उपलब्ध हो गयी है, वहां आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इस वित्तीय वर्ष में सभी जिलों में कॉलेज खोलने की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. डॉ नीरा यादव, शिक्षा मंत्री
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