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राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई का सिस्टम फेल, 220 दिन का पाठयक्रम सौ दिन की ही पढ़ाई

रांची: राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई का सिस्टम फेल हो गया है. सरकार का समुचित ध्यान इंटरमीडिएट की पढ़ाई की ओर नहीं है. यूजीसी के निर्देश के बाद भी राज्य में अंगीभूत (डिग्री) कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई अलग नहीं हुई है. अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट के लगभग एक लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं. अंगीभूत कॉलेजों […]

रांची: राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई का सिस्टम फेल हो गया है. सरकार का समुचित ध्यान इंटरमीडिएट की पढ़ाई की ओर नहीं है. यूजीसी के निर्देश के बाद भी राज्य में अंगीभूत (डिग्री) कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई अलग नहीं हुई है.
अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट के लगभग एक लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं. अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट का पाठय़क्रम पूरा नहीं होता. राज्य के विवि में लागू पाठय़क्रम के लिए वर्ष में 180 दिन कक्षाओं का संचालन आवश्यक है. जबकि इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए वर्ष में कम से कम 220 दिन कक्षाएं होनी चाहिए. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई का सर्वे कराया गया था. इसमें पाया गया था कि अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई 100 दिन भी नहीं होती. राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई में एकरूपता भी नहीं है. इंटर में एक सिलेबस के लिए तीन एकेडमिक कैलेंडर हैं.
इंटर की पढ़ाई अंगीभूत कॉलेज, डिग्री संबद्ध कॉलेज, इंटर कॉलेज व प्लस टू स्कूलों में होती है. अंगीभूत कॉलेज व डिग्री संबद्ध कॉलेज विवि के अधीन संचालित होते हैं. प्लस टू स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा व इंटर कॉलेज शासी निकाय के अधीन संचालित होते हैं. विवि इंटरमीडिएट की पढ़ाई को लेकर कॉलेज को कोई दिशा-निर्देश नहीं देता. विवि इंटरमीडिएट की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी नहीं लेता. प्लस टू स्कूल माध्यमिक शिक्षा निदेशालय व इंटर कॉलेज झारखंड एकेडमिक काउंसिल के कैलेंडर के अनुरूप संचालित होते हैं. पूरे राज्य में इंटर की पढ़ाई में एकरूपता भी नहीं है. अंगीभूत कॉलेज, प्लस टू स्कूल व इंटर कॉलेज की अवकाश तालिका में भी एकरूपता नहीं है. यहीं कारण है कि राज्य में इंटर की पढ़ाई का सिस्टम फेल हो गया है. इस पर एक जगह से नियंत्रण नहीं होता.
प्लस टू स्कूलों में 17 विषयों के शिक्षक नहीं
राज्य में 230 प्लस टू उच्च विद्यालय हैं. इनमें से 59 प्लस टू उच्च विद्यालय एकीकृत बिहार के समय के हैं, जबकि 171 प्लस टू उच्च विद्यालय राज्य गठन के बाद उच्च विद्यालय से प्लस टू उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किये गये हैं. राज्य में इंटरमीडिएट स्तर पर 25 विषयों की पढ़ाई होती है, पर 171 प्लस टू उच्च विद्यालयों में मात्र आठ विषयों के ही शिक्षक हैं. अर्थात 17 विषयों के शिक्षक नहीं हैं. सभी विद्यालय में तो आठ विषय के भी शिक्षक नहीं है. प्लस टू उच्च विद्यालय में इंटर में नामांकन लेने वाले विद्यार्थी स्कूल में उपलब्ध शिक्षक के अनुरूप विषय का चयन करते है.
शिक्षकों की योग्यता में एकरूपता नहीं
इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए नियुक्त शिक्षकों की योग्यता में भी एकरूपता नहीं है. शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अलग-अलग है. प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति सरकार द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर होती है. इंटर कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति शासी निकाय द्वारा व अंगीभूत कॉलेज में कॉलेज द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है.

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