पिपरवार. सीसीएल पिपरवार क्षेत्र की निर्माणाधीन पिपरवार रेलवे साइडिंंग परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के एवज में प्रबंधन द्वारा 1993 में नौकरी देने के बाद 13 लोगों को वर्ष 1998 में बरखास्त कर दिया गया था. उक्त मामले को लेकर बरखास्त हुए लोगों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जो अब तक लंबित है. इस बीच सीसीएल प्रबंधन व राज्य सरकार के प्रयास से उन्हें पुन: नियुक्ति करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह द्वारा पिछले दिन केंद्रीय कोयला मंत्री की की मौजूदगी में उक्त आशय की पिपरवार में घोषणा किये जाने के बाद प्रभावित परिवार में खुशी का माहौल है. प्रभावित लोगों में दो की मौत हो चुकी है. राज्य सरकार की पहल पर 30 मार्च 2015 को एक कमेटी बनायी गयी थी, जिसमें रांची एसी, एसडीओ, एलआरडीसी व खलारी सीओ शामिल थे. अवरुद्ध कार्य को गति देने के लिए कुल 53 एकड़ जमीन की बंदोबस्ती रैयतों के नाम की जा चुकी है. इस आधार पर विस्थापित परिवार के 25 लोगों को नौकरी मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया. बताया जा रहा है कि तब उन्हें प्रति तीन एकड़ में एक नौकरी दी गयी थी. अब नये प्रावधान के अनुसार दो एकड़ में एक नौकरी दी जा रही है. नये सिरे से फार्म भरने व आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के साथ ही उन्हें नौकरी दे दी जायेगी.
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बरखास्त कर्मियों की पुनर्नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त
पिपरवार. सीसीएल पिपरवार क्षेत्र की निर्माणाधीन पिपरवार रेलवे साइडिंंग परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के एवज में प्रबंधन द्वारा 1993 में नौकरी देने के बाद 13 लोगों को वर्ष 1998 में बरखास्त कर दिया गया था. उक्त मामले को लेकर बरखास्त हुए लोगों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जो अब तक लंबित है. इस […]
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