त्रस्वतंत्र संस्थाएं झलकाती हैं लोकतंत्र की सफलताएजेंसियां, मॉस्कोराष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि भारत में एक स्वतंत्र संविधान और कई वैधानिक संस्थाएं हैं, जो संसदीय लोकतंत्र में देश की सफलता को झलकाते हैं. मुखर्जी ने यहां विद्वानों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘इसलिए हमारी संसदीय प्रणाली सफल है. हम इसका पालन करते हैं और इसका उत्सव मनाते हैं.’ उन्होंने कहा कि भारत में पूरी तरह न्यायिक स्वतंत्रता है. चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसी संस्थाओं तथा सूचना आयुक्तों को पूरी स्वायत्तता है.रूस की पांच दिन की यात्रा पर आये राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव आयुक्त जैसे अधिकारी ऊपर से नहीं आये हैं. लोक सेवक हैं, जो इस तरह के पद पर बैठने के बाद पूरी तरह स्वतंत्र हो जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘जब हमारे प्रधानमंत्री नामांकन पत्र दाखिल करते हैं, तो उन्हें संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त करने के लिए अपने से बहुत बहुत कनिष्ठ अधिकारी के समक्ष खड़ा होना होता है. यह हमारे लोकतंत्र की शक्ति है.’ इससे पहले विद्वानों और शिक्षाविदों के एक समूह ने भारत और उसकी भाषाओं के प्रति ज्ञान से राष्ट्रपति को प्रभावित किया और मुखर्जी ने कहा कि उनकी असाधारण प्रतिबद्धता तथा समर्पण प्रेरणादायी है. राष्ट्रपति भारत के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और भाषाओं पर बांग्ला में एक रूसी विद्वान के भाषण से प्रभावित हुए.
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हम लोकतंत्र का उत्सव मनाते हैं : प्रणब
त्रस्वतंत्र संस्थाएं झलकाती हैं लोकतंत्र की सफलताएजेंसियां, मॉस्कोराष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि भारत में एक स्वतंत्र संविधान और कई वैधानिक संस्थाएं हैं, जो संसदीय लोकतंत्र में देश की सफलता को झलकाते हैं. मुखर्जी ने यहां विद्वानों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा, ‘इसलिए हमारी संसदीय प्रणाली सफल है. हम इसका […]
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