रांची: झारखंड में स्वपोषित (सेल्फ फायनांस्ड) बीएड कॉलेजों में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) के प्रावधानों का उल्लघंन हो रहा है. राज्य के 95 बीएड कॉलेजों में से 54 में रेगुलर टीचर और स्टाफ नहीं हैं. एनसीटीइ के प्रावधानों के तहत 100 छात्रों वाले बीएड कॉलेजों में छह रेगुलर, दो पार्ट टाइम टीचर के साथ एक प्राचार्य का रहना अनिवार्य है. अधिकांश कॉलेजों में रेगुलर टीचर नहीं हैं.
कई कॉलेजों में पद सृजित है, लेकिन खाली पड़े हुए हैं. इनमें से कई कॉलेजों का अपना प्रेस है, यहीं से डिग्री और सर्टिफिकेट छपवा कर छात्रों को दिया जाता है. इन कॉलेजों में पढ़ाने वाले व्याख्याता का नाम अलग अलग शहरों के बीएड कॉलेजों में दर्ज है. एक ही व्याख्याता को बोकारो, धनबाद, हजारीबाग और रांची के बीएड कॉलेजों में पढ़ाते हुए दिखाया जा रहा है. एनसीटीइ के प्रावधानों के तहत एक साथ दो पद पर कोई भी टीचर काम नहीं कर सकता है. इस मामले में एनसीटीइ ने हाइकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि नियमों का पालन नहीं करने वाले बीएड कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. गलत जानकारी देने वाले कॉलेजों की मान्यता भी वापस ली जायेगी.
प्रोफेसर व कॉलेजों के नाम निम्नवत है.
अमित कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर : अल हबीब टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, बोकारो, प्रजन्य बीएड कॉलेज धनबाद, श्री रामकृष्ण टीचर ट्रेनिंग कॉलेज हजारीबाग, झारखंड एंड जसपुरिया बीएड कॉलेज रांची.
अजीत कुमार सिंह, व्याख्याता : स्वामी रामकृष्ण परमहंस टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, बोकारो, डॉ एस राधाकृष्ण टीचर ट्रेनिंग कॉलेज हजारीबाग.
अनिता कुमारी, व्याख्याता : टाटा कॉलेज चाईबासा, प.सिंहभूम, प्रजन्या बीएड कॉलेज, धनबाद, बिनोद बिहारी महतो मेमोरियल टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, धनबाद.
बसंत कुमार, व्याख्याता बिनोद बिहारी महतो मेमोरियल टीचर ट्रेनिंग कॉलेज धनबाद, धनबाद टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, धनबाद.
डॉ वीणा कुमार, व्याख्याता: चतरा कॉलेज, प्राचार्य संघमित्र टीचर ट्रेनिंग कॉलेज ओरमांझी, रांची.
स्वेता स्मृति कुजूर, व्याख्याता : सुभाष टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, गिरिडीह, महर्षि परमहंस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रामगढ़, हजारीबाग.
सीमा सिंह, व्याख्याता : जसीडीह बीएड कॉलेज, देवघर, संतोष बीएड कॉलेज ऑफ टीचर ट्रेनिंग तुपुदाना, स्वामी रामकृष्ण परमहंस टीचर ट्रेनिंग कॉलेज बोकारो, प्रजन्य बीएड कॉलेज, धनबाद, डॉ एस राधाकृष्ण कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बोकारो.
उमा सिंह, व्याख्याता : राहत कॉलेज ऑफ एजुकेशन, मधुपुर, देवघर, चाणक्य टीचर ट्रेनिंग कॉलेज मधुपुर, देवघर.
नहीं हो पायी सुनवाई
इस मामले में शिव शंकर मुंडा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो पायी. इस मामले में कोर्ट ने एनसीटीइ नयी दिल्ली के चेयरपर्सन और रीजनल डॉयरेक्टर इस्टर्न जोन, भुवनेश्वर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. इन्हें बताने को कहा गया है कि बीएड टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में सुधार के लिए क्या कदम उठाये गये हैं?