नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंक प्रमुखों की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देनेवाली एक जनहित याचिका पर केंद्र व रिजर्व बैंक से जवाब मांगा है. इस याचिका में बैंक प्रमुखों की नियुक्ति प्रक्रिया और आयु सीमा को 58 से घटा कर 55 करने पर सवाल उठाया गया है. न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल ने वित्तीय सेवा विभाग और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी कर 11 मई तक जवाब देने को कहा है. याचिका में कहा गया है कि पात्रता के लिए आयु सीमा को घटाने का फैसला पूरी तरह अनुचित, तर्कहीन व मनमाना है. यह फैसला कैबिनेट की नियुक्ति समिति के विचार और सलाह को नजरअंदाज करके लिया गया है.यह जनहित याचिका ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष केडी खेड़ा ने दायर की है. इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और आइडीबीआइ बैंक के सीइओ व प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के लिए 26 फरवरी को जारी विज्ञापन को चुनौती दी गयी है. याचिका में बैंकिंग कंपनीज एक्वीजीशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग्स एक्ट 1980 के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के उन्हीं पूर्णकालिक निदेशकों को ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है, जिनके नाम केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा मंजूर किये गये हैं.
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बैंक प्रमुखांे की नियुक्ति : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंक प्रमुखों की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देनेवाली एक जनहित याचिका पर केंद्र व रिजर्व बैंक से जवाब मांगा है. इस याचिका में बैंक प्रमुखों की नियुक्ति प्रक्रिया और आयु सीमा को 58 से घटा कर 55 करने पर सवाल उठाया गया है. न्यायमूर्ति एआर दवे […]
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