24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में अवैध खनन में बेतहाशा वृद्धि : समिति

अंजनी कुमार सिंह नयी दिल्ली : संसद की कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति ने गत तीन वर्षो में झारखंड सहित देश के अन्य तीन राज्यों गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु में बड़े और लघु खनिजों की चोरी में बड़े पैमाने पर वृद्धि की बात कही है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बड़े […]

अंजनी कुमार सिंह
नयी दिल्ली : संसद की कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति ने गत तीन वर्षो में झारखंड सहित देश के अन्य तीन राज्यों गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु में बड़े और लघु खनिजों की चोरी में बड़े पैमाने पर वृद्धि की बात कही है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बड़े और लघु खनिजों की चोरी में वृद्धि से राष्ट्रीय/राज्य राजकोष को भारी नुकसान हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2012-13 के दौरान विभिन्न राज्यों में अवैध खनन के मामले में कुल 1970 एफआइआर दर्ज की गयी. वहीं, वर्ष 2014-15 में इसकी संख्या बढ़ कर 3761 हो गयी. वर्ष 2014-15 के दौरान (दिसंबर 2014 को समाप्त होनेवाली तिमाही में) यह संख्या 2240 थी. समिति ने महसूस किया है कि आइबीएम एमएमडीआर अधिनियम के अंतर्गत सौंपे गये दायित्वों से बच नहीं सकता है. समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रलय को न केवल पंजीकृत एफआइआर का डाटा बनाना चाहिए, बल्कि इन मामलों में गिरफ्तारी कर एक निष्कर्ष पर भी पहुंचना चाहिए. मंत्रलय को अवैध खनन से संबंधित मामलों में जांच करने और अभियोजना के लिए त्रुटिहीन तंत्र बनाना चाहिए.
एनआइएमएच के कार्यो की सराहना : समिति ने नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ माइनर्स हेल्थ (एनआइएमएच) के कामों की प्रशंसा की है. समिति ने कहा है कि एनआइएमएच की स्थापना 1970 में हुई थी. यह इंस्टीटय़ूट खान मजदूरों के काम के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए विशेष रूप से एकमात्र संस्थान है.
संस्थान ने धूल संबंधी रोगों का विस्तार से अध्ययन किया है. साथ ही ‘धूल संबंधी रोगों का बहुकेंद्रीय अध्ययन और सतत निवारक कार्यक्रमों का विकास’ वृहत स्तर पर कार्यान्वित कर रहा है.
समिति ने एक ओर इंस्टीटय़ूट के आर्थिक अवरोधों को दूर करने, वहीं दूसरी ओर संस्थान द्वारा मजदूरों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर दिये गये सुझावों को कार्यान्वित करने की सलाह दी है.
सुव्यवस्थित हो वन मंजूरी की प्रक्रिया
एक संसदीय समिति ने सरकार से कहा है कि वह कोयला खनन परियोजनाओं को पर्यावरण व वन संबंधी मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के माध्यम की व्यवहार्यता संभावनाओं का पता लगाये. कोयला व इस्पात पर स्थायी समिति ने रपट में कहा कि कोयला मंत्रलय को खनन परियोजनाओं की पर्यावरण व वन संबंधी मंजूरी की अनिवार्यताओं की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.
समिति को इस बात को लेकर खुशी है कि मंत्रिमंडल सचिवालय ने परियोजना निगरानी समूह शुरू किया है ताकि कोयला मंत्रलय की सभी प्रमुख व महत्वपूर्ण परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों की ऑनलाइन निगरानी की जा सके. इसके लिए वेब आधारित पोर्टल पेश किया गया है ताकि सभी कोयला खनन परियोजनाओं के लंबित मुद्दों से निबटा जा सके. साथ ही मंजूरी प्रक्रिया को तेज किया जा सके. समिति ने कहा कि मार्च तक कोल इंडिया की 187 वन मंजूरी व 22 पर्यावरण निबटान प्रस्ताव लंबित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें