काम में तेजी व पारदर्शिता के लिए बना था प्रस्तावजनजातीय सलाहकार परिषद का था निर्देशवरीय संवाददाता, रांचीसमाज कल्याण निदेशालय की तर्ज पर कल्याण विभाग में भी निदेशालय बनाने का मामला लगभग ठंडे बस्ते में है. सरकार इस पर कोई सक्रियता नहीं दिखा रही है. विभाग के काम में तेजी लाने तथा पारदर्शिता बढ़ाने के लिए निदेशालय के गठन का प्रस्ताव तैयार हुआ था. इसमें जिक्र था कि निदेशालय में निदेशक के अलावा सहायक निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक व सहायक उप निदेशक सहित प्रशाखा पदाधिकारी के पद होंगे. उप निदेशक के कुल आठ पद होंगे, जो एससी, एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित कार्यक्रमों के क्रियान्वयन सहित मॉनीटरिंग का काम करेंगे. निदेशालय का टेक्निकल सेल भी होगा. इसमें पदस्थापन के आधार पर एक मुख्य अभियंता सहित एक अधीक्षण अभियंता, दो कार्यपालक अभियंता, दो सहायक अभियंता व चार कनीय अभियंता होंगे. अभियंता एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आइटीडीए) सहित अन्य निर्माण कार्यों का काम संभालेंगे. दरअसल कल्याण निदेशालय का गठन जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) के निर्देश के आलोक में किया जाना था. उम्मीद जतायी जा रही थी कि निदेशालय के गठन के बाद विभाग के काम में न सिर्फ तेजी आयेगी, बल्कि इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी. यही नहीं निदेशालय के भवन निर्माण के लिए बलिहार रोड, मोरहाबादी स्थित जनजातीय सहकारी विकास निगम (टीसीडीसी) के सामने स्थित भूमि का उपयोग करने संबंधी फाइल भी विभाग में बढ़ा दी गयी थी. जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआइ) की ओर से यह फाइल प्रेषित की गयी थी. गौरतलब है कि टीसीडीसी के ठीक सामने टीआरआइ की लगभग दो एकड़ जमीन है, जो खाली है.
कल्याण विभाग में निदेशालय बनाने का मामला ठंडे बस्ते में!
काम में तेजी व पारदर्शिता के लिए बना था प्रस्तावजनजातीय सलाहकार परिषद का था निर्देशवरीय संवाददाता, रांचीसमाज कल्याण निदेशालय की तर्ज पर कल्याण विभाग में भी निदेशालय बनाने का मामला लगभग ठंडे बस्ते में है. सरकार इस पर कोई सक्रियता नहीं दिखा रही है. विभाग के काम में तेजी लाने तथा पारदर्शिता बढ़ाने के लिए […]
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