नयी दिल्ली. राफेल विमानों के सौदे के तहत फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत की सरकारी इकाई ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) या किसी निजी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम कर सकती है, ताकि इस लड़ाकू विमान के निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए यहां एक आधार तैयार किया जा सके. रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस कदम से न सिर्फ फ्रांसीसी कंपनी को निर्माण की दर को तेज करने की अनुमति मिलेगी, बल्कि भारत में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी उसे मदद मिलेगी. यह बिक्री की कुल कीमत का 30-50 फीसदी हो सकता है. इसे रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ श्रेणी के तहत पहला बड़ा कदम माना जायेगा. इस कदम का मतलब यह भी होगा कि फ्रांसीसी कंपनी को उस स्थिति में बेहतर मौका मिलेगा, जब भारत सरकार शुरुआती तौर पर 36 विमानों की खरीद को लेकर बनी सहमति से अलग और अधिक विमानों को लेने का फैसला करती है. रक्षा सूत्रों का कहना है कि आगामी छह मई को फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां येवेस ली द्रियान की अपने भारतीय समकक्ष मनोहर पर्रिकर व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा होगी. भारत रॉफेल लड़ाकू विमान की जल्द से जल्द उपलब्धता चाहता है.
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राफेल सौदा : डसॉल्ट के भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने की संभावना
नयी दिल्ली. राफेल विमानों के सौदे के तहत फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत की सरकारी इकाई ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल) या किसी निजी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम कर सकती है, ताकि इस लड़ाकू विमान के निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए यहां एक आधार तैयार किया जा सके. रक्षा सूत्रों ने कहा कि […]
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