राजदूत ने कहा, यदि संकट में हमने पाक के साथ ऐसा किया तो कैसा महसूस होगा इसलामाबाद. सऊदी अरब यमन में सैन्य बल नहीं भेजने और वहां बढ़ते संकट से खुद को अलग रखने के पाकिस्तान के निर्णय के नाखुश है. सऊदी अरब के राजदूत जसीम बिन मोहम्मद अल खालिदी ने यह बात कही. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अल खालिदी के हवाले से कहा, यदि हम पाकिस्तान के साथ भी संकट के समय ऐसा ही करें तो पाकिस्तानियों को कैसा महसूस होगा. सऊदी अरब ने मार्च में हूथी विद्रोहियों के खिलाफ हमला शुरू किया था, ताकि राष्ट्रपति मंसूर हादी की सरकार का शासन फिर से स्थापित किया जा सके. यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तानी संसद के प्रस्ताव से सऊदी अरब निराश हुआ है, अल खालिदी ने कहा कि उनके देश को अब भी उम्मीद है कि पाकिस्तान गंठबंधन में शामिल हो जायेगा. यमन अभियान के लिए सैन्य बल और सैन्य उपकरण भेजने के संबंध में पाकिस्तान की बेरुखी पर पहली बार सऊदी अरब के किसी अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से नाखुशी जाहिर की है. अल खालिदी ने कहा कि पाकिस्तान का समर्थन यमन के लोगों को यह संदेश भेजने के लिए महत्वपूर्ण है कि केवल अरब देश ही नहीं बल्कि शेष मुसलिम दुनिया भी हादी की वैध सरकार के साथ एकजुटता दिखा रही है. हालांकि, अल खालिदी ने यमन में जमीनी हमले शुरू किये जाने की संभावना से इनकार कर दिया.
यमन संकट पर पाक के रवैये से सऊदी अरब नाखुश
राजदूत ने कहा, यदि संकट में हमने पाक के साथ ऐसा किया तो कैसा महसूस होगा इसलामाबाद. सऊदी अरब यमन में सैन्य बल नहीं भेजने और वहां बढ़ते संकट से खुद को अलग रखने के पाकिस्तान के निर्णय के नाखुश है. सऊदी अरब के राजदूत जसीम बिन मोहम्मद अल खालिदी ने यह बात कही. द […]
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