पेरिस. फ्रांस के अभियोजक इन आरोपों की जांच कर रहे हैं कि मध्य अफ्रीकी गणराज्य में बच्चों की सुरक्षा के लिए भेजे गये फ्रांसीसी सैनिकों ने बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था. एक वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र ने आरोपों की प्रारंभिक जांच की थी. दोनों जांच के बारे में खबर को छिपा कर रखा गया था लेकिन बुधवार को गार्डियन अखबार की एक खबर ने अधिकारियों को इसे सार्वजनिक करने के लिए विवश कर दिया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव कार्यालय ने एक बयान में कहा कि विश्व निकाय के एक कार्यकर्ता ने पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र की जांच की जानकारी फ्रांसीसी अधिकारियों को लीक कर दी थी. स्वीडन सरकार ने कार्यकर्ता की पहचान एंडर्स कॉमपास के रूप में की. उसे निलंबित कर दिया गया है और अब उसकी जांच की जा रही है.मध्य अफ्रीकी गणराज्य में वर्ष 2013 के अंत से ईसाइयों और मुसलमानों के बीच अभूतपूर्व हिंसा हुई थी. इसमें कम से कम 5,000 लोग मारे जा चुके हैं और लगभग दस लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं या देश से भाग गये हैं. वहां फ्रांस ने वर्ष 2013 के अंत में अपने सैन्य दल भेजे थे और पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र ने 12,000 शांति सैनिक भेजे थे. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मध्य अफ्रीका के करीब 10 बच्चों ने संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों से कहा था कि दिसंबर 2013 और जून 2014 के बीच फ्रांसीसी सैनिकों ने उनका यौन उत्पीड़न किया था.
फ्रांसीसी सैनिकों पर लगे आरोपों की जांच
पेरिस. फ्रांस के अभियोजक इन आरोपों की जांच कर रहे हैं कि मध्य अफ्रीकी गणराज्य में बच्चों की सुरक्षा के लिए भेजे गये फ्रांसीसी सैनिकों ने बच्चों का यौन उत्पीड़न किया था. एक वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र ने आरोपों की प्रारंभिक जांच की थी. दोनों जांच के बारे में खबर को छिपा कर रखा गया […]
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