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भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ किया प्रदर्शन

सड़क पर उतरे झाजमं के सैकड़ों कार्यकर्ता व किसान रांची : केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ झाजमं के कार्यकर्ता और किसान सड़क पर उतरे. पूर्व विधायक बंधु तिर्की के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोरहाबादी मैदान से अलबर्ट एक्का चौक तक प्रतिवाद मार्च किया. भूमि अधिग्रहण अध्यादेश रद्द करो, काला कानूनी नहीं चलेगा, […]

सड़क पर उतरे झाजमं के सैकड़ों कार्यकर्ता व किसान
रांची : केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ झाजमं के कार्यकर्ता और किसान सड़क पर उतरे. पूर्व विधायक बंधु तिर्की के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोरहाबादी मैदान से अलबर्ट एक्का चौक तक प्रतिवाद मार्च किया.
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश रद्द करो, काला कानूनी नहीं चलेगा, गरीब-किसानों को उजाड़ने नहीं देंगे..
जैसे नारे लगाते लोग अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. मौके पर श्री तिर्की ने कहा कि झारखंड को इस कानून से सबसे बड़ा नुकसान होने वाला है. अगर यह कानून लागू हो गया तो सीएनटी-एसपीटी एक्ट के बावजूद झारखंड में आदिवासी-मूलवासी की जमीन छीन ली जायेगी. सरकार ने किसानों और गरीबों को उजाड़ने की साजिश की है.
श्री तिर्की ने कहा कि नये कानून में रैयतों पर दबाव से जमीन लेने का मामला है. ग्राम सभा के अधिकार भी काट दिये गये हैं. विकास के नाम पर जमीन लूट की साजिश हो रही है. श्री तिर्की ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कह रहे हैं कि किसानों की एक इंच जमीन नहीं ली जायेगी. अगर भाजपा की बात में सच्चई है, तो अध्यादेश को वापस लें. प्रदर्शन में शशिकांत तिर्की, हाजी इसलाम, सुधीर मिंज, दीपू सिन्हा, संदीप उरांव, अब्दुल अंसारी, मचकूर सिद्दीकी, सुदामा महतो, सुनील सिंह, रूपचंद केवट, शिव उरांव, प्रमोद गुप्ता, नवल सिंह, सुदामा महतो, संतोष लोहरा, सुनील उरांव सहित कई लोग शामिल थे.
खतियान, भाषा-संस्कृति हो स्थानीयता की पहचान
रांची : आदिवासी-मूलवासियों के हित के लिए स्थानीय नीति की मांग को लेकर आदिवासी छात्र संघ के बैनर तले सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला. अलबर्ट एक्का चौक पर जनसभा को संबोधित करते हुए उपाध्यक्ष सुशील उरांव, कुलदीप तिर्की, प्रेम टोप्पो व अन्य ने कहा कि स्थानीयता का निर्धारण 1932 के खतियान (अंतिम सर्वे), झारखंडी भाषा- संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के आधार पर किया जाये. उन्होंने कहा कि कट ऑफ डेट तय कर गैर झारखंडियों को झारखंडी बनाने की साजिश नहीं की जाये.
स्थानीय व्यक्ति की पहचान के लिए अनुसूचित क्षेत्रों में जनजाति सलाहकार परिषद व सामान्य क्षेत्रों में स्थानीय आयोग का गठन किया जाये, जिनके अध्यक्ष व सभी सदस्य खतियानधारी ही हों

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