फोटो ट्रैकसंवाददाता, रांचीमोंटफोर्ट ब्रदर्स ऑफ संत गैब्रिएल धर्म समाज ने सोमवार को संत लुई डी मोंटफोर्ट का पर्व मनाया़ इस अवसर पर संत अलोइस स्कूल के प्रार्थनालय में धन्यवादी मिस्सा चढ़ायी गयी़ इसकी अगुवाई ऑग्जीलरी बिशप तेलेस्फोर बिलुंग ने की़ इस मौके पर फादर अलबर्ट लकड़ा, ब्रदर सिल्वेस्टर सुरीन, ब्रदर अमर कंडुलना, निरंजन कुमार सांडिल, ब्रदर जेम्स रॉय, सभी ब्रदर्स, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद थे़रांची में चार स्कूल चला रहा है कांग्रीगेशनभारत में इस धर्म समाज का आगमन 1903 में तमिलनाडू में हुआ़ प्रारंभ में इसका विस्तार दक्षिणी राज्यों और फिर उत्तरी राज्यों में हुआ. यह धर्म समाज बच्चों की शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, नि:शक्त की सेवा व ग्रामीण विकास से जुड़ा है़ रांची में इस धर्म समाज का आगमन 1955 में हुआ. इसके द्वारा रांची महाधर्मप्रांत में संत अलोइस स्कूल, संत जोसफ स्कूल कांके, संत जॉन हाई स्कूल नवाटांड़, मोंटफोर्ट स्कूल हथियागोंदा संचालित किया जा रहा है़संत लुई डी मोंटफोर्ट संत लुई डी मोंटफोर्ट का जन्म 31 जनवरी 1673 को फांस के मोंटफोर्ट में हुआ था़ बचपन से ही गरीबों के प्रति उन्हें अगाध स्नेह था़ वह उन्हें शिक्षित करते थे और उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करते थे़ उन्होंने ‘द लव ऑफ इटर्नल विजडम’, ‘द ट्रू डिवोशन टू मेरी’, ‘द सीक्रेट ऑफ मेरी’ व ‘द सीक्रेट ऑफ रोजरी’ समेत कई धार्मिक पुस्तकें लिखीं़ वे परिणाम की चिंता किये बिना सच्चाई का साथ देते, इसलिए उन्हें कई बार प्रताड़ना भी सहनी पड़ी़ उनका निधन 28 अप्रैल 1716 को हुआ़ उन्होंने मोंटफोर्ट ब्रदर्स ऑफ संत गैब्रिएल समेत कई संगठनों की स्थापना की़ कलीसिया ने उन्हें संत का दर्जा दिया है़
संत लुई डी मोंटफोर्ट का पर्व मनाया
फोटो ट्रैकसंवाददाता, रांचीमोंटफोर्ट ब्रदर्स ऑफ संत गैब्रिएल धर्म समाज ने सोमवार को संत लुई डी मोंटफोर्ट का पर्व मनाया़ इस अवसर पर संत अलोइस स्कूल के प्रार्थनालय में धन्यवादी मिस्सा चढ़ायी गयी़ इसकी अगुवाई ऑग्जीलरी बिशप तेलेस्फोर बिलुंग ने की़ इस मौके पर फादर अलबर्ट लकड़ा, ब्रदर सिल्वेस्टर सुरीन, ब्रदर अमर कंडुलना, निरंजन कुमार सांडिल, […]
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