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काटे गये पेड़ों का नहीं दिया हिसाब

रांची: राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथों (एनएच) के किनारे से पांच साल के अंदर हजारों पेड़ काटे गये हैं. सारे पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे गये हैं. काटे गये पेड़ों में कई बेशकीमती व फलदार वृक्ष भी थे. सागवान, शीशम, आम, कटहल, जामुन, इमली , बरगद सहित कई पेड़ काटे गये. सबसे दिलचस्प बात […]

रांची: राज्य में राष्ट्रीय उच्च पथों (एनएच) के किनारे से पांच साल के अंदर हजारों पेड़ काटे गये हैं. सारे पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे गये हैं. काटे गये पेड़ों में कई बेशकीमती व फलदार वृक्ष भी थे. सागवान, शीशम, आम, कटहल, जामुन, इमली , बरगद सहित कई पेड़ काटे गये. सबसे दिलचस्प बात है कि इन पेड़ों का हिसाब अभी तक नहीं दिया गया है. सारे काटे गये पेड़ों की नीलामी करने की जिम्मेवारी झारखंड राज्य वन विकास निगम को दी गयी थी. नीलामी से प्राप्त राशि केंद्र सरकार को भेजना था, लेकिन एक पैसा भी केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है और न ही इसका हिसाब ही दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक , केवल रांची-चाईबासा मार्ग (एनएच 75 ए) चौड़ीकरण के लिए 1000 से ज्यादा पेड़ काटे गये हैं. इस मार्ग पर भी सागवान के काफी पेड़ थे. यह आकलन किया जा रहा है कि अन्य एनएच को मिला कर चार से पांच साल के अंदर चौड़ीकरण के हजारों पेड़ काटे गये हैं. हर एनएच पर काटे गये पेड़ों का ब्योरा संबंधित प्रमंडलों द्वारा वन विकास निगम को दिया गया था. साथ ही उसे नीलामी करके राशि देने को कहा था. इसके लिए कई बार पत्र लिखे गये.
क्या है पेड़ काटने व पैसे जमा करने का नियम
राष्ट्रीय उच्च पथ के किनारे लगे पेड़ केंद्र सरकार की संपत्ति मानी जाती है. चौड़ीकरण के लिए पेड़ काटे जाते हैं, तो इसका पैसा भी केंद्रीय पथ, परिवहन व राजमार्ग मंत्रलय के पास जमा होना चाहिए. एनएच विंग या तो अपने स्तर से पेड़ कटवाता व ढुलवाता है या वन विकास निगम के माध्यम से यह काम करता है. इन मामलों में पेड़ कटवाने, ढुलवाने व रखने के लिए एनएच विंग ने पैसा निगम को दिया था. निगम की जिम्मेवारी थी कि इसकी नीलामी करके पैसे एनएच विंग के संबंधित प्रमंडल को दे, ताकि इसे केंद्र सरकार को भेजा जा सके.
एनएचएआइ के अधीन सड़कों से भी कटे हैं पेड़
एनएचएआइ के अधीनस्थ सड़क एनएच 33 के चौड़ीकरण के लिए बड़ी संख्या में पेड़ काटे गये हैं. बरही से रांची व महुलिया तक सड़क किनारे स्थित हजारों पेड़ कटे हैं.
इन सड़कों के किनारे से काटे गये पेड़
रांची-गढ़वा मार्ग (एनएच 75) करीब 260 किमी लंबी सड़क है. इसके चौड़ीकरण के लिए लगातार पेड़ कटते रहे हैं.
रांची-चाईबासा मार्ग (एनएच 75 एक्सटेंशन) के 202 किमी लंबी सड़क की चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटे
साहेबगंज-राजमहल मार्ग (एनएच 80) के 92 किमी लंबी सड़क पर पेड़ कटे
एनएच 33 पर नामकुम आरओबी निर्माण के लिए पेड़ काटे गये
एनएच 33 पर ही बूटी मोड़ से कांटाटोली तक के पेड़ काटे
एनएच 23 पर हलुवाई ब्रिज के निकट बड़ी संख्या में पेड़ काटे

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