रांची: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से जुड़ी प्रचार-प्रसार सामग्री के प्रकाशन में बड़ी गड़बड़ी हुई है. प्रचार-प्रसार के लिए पंपलेट, पोस्टर व पुस्तिका सहित अन्य सामग्रियों का प्रकाशन ऊंची दर पर कराया गया है. आरोप है कि करीब 65 लाख रुपये की सामग्री डेढ़ करोड़ से अधिक की लागत पर प्रकाशित करायी गयी है. एक-दो रुपये में छपनेवाली सामग्री के लिए 10-12 रुपये निर्धारित कर दिये गये. वहीं ऑर्डर से अधिक संख्या में प्रकाशन कराया गया, जबकि इसके लिए दर कम संख्या में प्रकाशन के आधार पर ही निर्धारित की गयी.
एनआरएचएम के निवर्तमान एमडी अबुबकर सिद्दिक ने मामले की जांच के लिए निदेशक योजना व प्रशासन डॉ रमेश प्रसाद की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनायी थी. इसी कमेटी की रिपोर्ट से इन तथ्यों का खुलासा हुआ है. नतीजतन विभाग में कोई इस भुगतान के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. जांच कमेटी ने दो फाइलों के कुल डेढ़ करोड़ से अधिक बिल के बदले 64 लाख रुपये का बिल ही निर्धारित करने का सुझाव दिया है.
शहर के चार बड़े प्रकाशकों ने यह प्रकाशन किया है. अब ये लोग भुगतान के लिए परेशान हैं. दरअसल एनआरएचएम के तहत इंफॉरमेशन एजुकेशन एंड कम्यूनिकेशन (आइइसी) व बिहेवियर चेंज कम्यूनिकेशन (बीसीसी) का कार्यक्रम संचालित होता है. इसके तहत विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं व कार्यक्रमों सहित स्वास्थ्य संबंधी जन जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार सामग्री के प्रकाशन व विज्ञापन पर खर्च किये जाते हैं. आइसीसी-बीसीसी का सालाना बजट लगभग 10 करोड़ रुपये है.