रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को स्वर्णरेखा परियोजना के ईचा डैम विस्थापित संघ तथा मानकी मुंडा संघ की मांगों पर सरकार द्वारा सकारात्मक कार्रवाई करने का भरोसा दिया. उन्होंने कहा कि आम जन को विश्वास में लेकर ही विकास करना स्थायी एवं राज्यहित में होगा. श्री सोरेन से चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मिल कर अपनी मांगों को रखा. श्री बिरुआ ने बताया कि प्रस्तावित डैम के निर्माण से 124 गांवों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. वर्ष 1981 के सर्वे के अनुसार 50 हजार परिवार इससे प्रभावित होंगे.
मानकी मुंडा संघ ने अपनी समस्याओं के साथ अपने निर्धारित मानदेय को बढ़ाने की भी मांग रखी. डकुआ को 500 रुपये के बदले 3000 रुपये प्रतिमाह, मुंडा को 1000 रुपये के बदले 7000 रुपये प्रतिमाह तथा मानकी को 1500 रुपये के बदले 10000 रुपये प्रतिमाह राशि देने की मांग रखी. मुख्यमंत्री ने सभी पहलुओं पर समग्रता से विचार कर सकारात्मक पहल किये जाने का भरोसा दिलाया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक संस्थाएं मजबूत हो तथा ग्राम सभा अपने हितों के लिए तत्पर रहे तभी विकास का लाभ सबको मिल सकेगा. प्रतिनिधिमंडल में अंतु हेंब्रम, दनुजर्य देवशन, रामेश्वर सिंह पुंटियार समेत कई ग्रामीण एवं मानकी, मुंडा शामिल थे.