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संत थॉमस स्कूल के छात्र की मां ने लिखा पत्र
रांची : संत थॉमस स्कूल में प्लस टू में पढ़ने वाले विद्यार्थी के अभिभावक ने प्रभात खबर को एक पत्र लिखा है. पत्र में उनके बेटे को 11 वीं में फेल होने के बाद स्कूल द्वारा टीसी लेने के लिए दबाव देने की बात कही गयी है. अभिभावक ने पत्र की कॉपी राज्य के मुख्यमंत्री […]
रांची : संत थॉमस स्कूल में प्लस टू में पढ़ने वाले विद्यार्थी के अभिभावक ने प्रभात खबर को एक पत्र लिखा है. पत्र में उनके बेटे को 11 वीं में फेल होने के बाद स्कूल द्वारा टीसी लेने के लिए दबाव देने की बात कही गयी है.
अभिभावक ने पत्र की कॉपी राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर रांची के डीसी तक को भेजी है. पर मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उस अभिभावक के पत्र को प्रकाशित किया जा रहा है. अभिभावक के अनुरोध पर बेटे का नाम गोपनीय रखा गया है.
प्रधानाध्यापक
संत थॉमस स्कूल धुर्वा
मेरे बेटे के 11वीं के रिजल्ट के संबंध में मैं आपके निर्देशानुसार आपसे मिलने स्कूल स्थित कार्यालय में दो दफा गयी लेकिन खेद के साथ कह रहीं हूं कि आपने एक बार भी मुझसे मिलना उचित नहीं समझा. मेरे बेटे के भविष्य की चिंता से ग्रसित हो कर यह पत्र लिख रही हूं. आप मुझ दुखियारी से तो नहीं मिले, कम से कम अब अपना दो मिनट का बहुमूल्य समय निकाल कर इसे पढ़ने का कष्ट करें.
स्कूल जाने पर मुझसे स्कूल के रंजीत कुमार ठाकुर से मुलाकात करनी पड़ी. जिनसे मैंने बेटे के 11वीं में फिर से पढ़ने देने का आग्रह किया. लेकिन रंजीत कुमार ठाकुर से हमें बार-बार सुनने को मिला कि फादर बोले हैं कि स्कूल कमेटी का यही निर्णय है कि कॉमर्स में रिपीट करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए आप ट्रांसफर सर्टिफिकेट ले लें. रंजीत कुमार ठाकुर से हमें यह भी पता चला कि पिछले साल साइंस में कुछ विद्यार्थी रिपीट कर रहें है और इस साल भी कुछ कर सकते हैं.
ये बड़े ताज्जुब की बात है कि एक ही स्कूल में 11वीं में कॉमर्स और साइंस के लिए अलग-अलग नियम कानून है. यह बड़े ताज्जुब की बात है कि मेरे बेटे को रिपीट करने देने के बावजूद ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने का प्रेशर देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
क्यों आपके स्कूल में पहली बार फेल विद्यार्थी को रिपीट करने देने का एक मौका देने का प्रावधान नहीं है? एक मौका तो लोग चोर-बदमाशों को भी देते हैं और मेरा बेटा तो महज आपके स्कूल का एक 11वीं फेल विद्यार्थी है. हम आपको दो मौका देने के बाद यह पत्र लिख रहें है.
आपको याद दिलाना चाहूंगी कि मेरे बेटे का आइसीएसइ का रिजल्ट 21.5.14 को निकला, उससे पहले आपने मेरा बेटा का एडमिशन दिनांक 15.5.14 को अपने स्कूल में एक फॉरमल टेस्ट ले कर लिया.
आपने एडमिशन लेने में हड़बड़ी क्यों दिखायी और अब ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने में हड़बड़ी दिखा रहे हैं. इसका मकसद क्या है? अब मैं गरीब आदिवासी अपने बेटे के एडमिशन के लिए 35-40 हजार रुपये कहां से लाऊं?
मेरा बेटा पिछले एक साल आपके यहां पढ़ चुका है और शिक्षकों के पढ़ाने के तौर-तरीकों से वाकिफ है. अपने को मजबूत करने के लिए सीरियस भी है अत: कहीं और जाने के बजाय आपके यहां ही रिपीट करना चाहता है. और रिजल्ट के दिन आपको भी 6-7 बार मेरे ही सामने रिपीट करने की अपनी इच्छा जाहिर कर चुका है. लेकिन आपने एक नहीं सुनी, जिसका सबूत भी मेरे पास है.
अत: आपसे निवेदन है कि आप मेरे बेटे को अपने यहां 11वीं में रिपीट करने दें क्योंकि एक मौका के हिसाब-किताब में यह उसका हक बनता है. अन्यथा मेरे बेटे को ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्राप्त करने का लिखित आदेश दें और ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करने की स्थिति में 11वीं में वसूली गयी एडमिशन फीस सूद समेत वापस करने का कष्ट करें.
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