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230 अफसरों के खिलाफ शुरू होगी निगरानी जांच
रांची: झारखंड निगरानी ब्यूरो जल्द ही भ्रष्टाचार के आरोप में शामिल 230 अफसरों व कर्मियों के खिलाफ मामला (प्रारंभिक जांच) दर्ज कर उनके खिलाफ जांच शुरू करेगा. झारखंड निगरानी ब्यूरो ने इस संबंध में बिहार निगरानी ब्यूरो को एक पत्र भेज कर मामले को सौंपने का अनुरोध किया था. इसकी सहमति दे दी गयी है. […]
रांची: झारखंड निगरानी ब्यूरो जल्द ही भ्रष्टाचार के आरोप में शामिल 230 अफसरों व कर्मियों के खिलाफ मामला (प्रारंभिक जांच) दर्ज कर उनके खिलाफ जांच शुरू करेगा. झारखंड निगरानी ब्यूरो ने इस संबंध में बिहार निगरानी ब्यूरो को एक पत्र भेज कर मामले को सौंपने का अनुरोध किया था. इसकी सहमति दे दी गयी है. अब अफसरों के संबंधित फाइल लेने के लिए झारखंड निगरानी ब्यूरो से एक विशेष दूत को बिहार निगरानी ब्यूरो बुलाया गया है.
उल्लेखनीय है कि एकीकृत बिहार में झारखंड के विभिन्न विभागों के करीब 230 अफसरों व कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में निगरानी ब्यूरो में मामले दर्ज हुए थे. सभी मामले वर्ष 1978 से लेकर वर्ष 2000 के बीच दर्ज किये गये थे. लेकिन अब तक इन मामलों की जांच नहीं शुरू की जा सकी है. बिहार निगरानी ब्यूरो की ओर से इन मामलों को कभी झारखंड निगरानी ब्यूरो को नहीं सौंपा गया. जबकि नियम के अनुसार ये मामले झारखंड को दिये जाने चाहिए थे.
कितने अधिकारी व कर्मियों पर हैं मामले
विभाग का नाम आरोपी की संख्या
कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार 33
शिक्षा विभाग 15
कारा विभाग 01
स्वास्थ्य विभाग 21
खान एवं भूतत्व विभाग् ा08
गृह (आरक्षी) 05
सिंचाई विभाग 20
पशुपालन 03
उत्पाद विभाग 06
भवन प्रमंडल 08
कल्याण विभाग 01
लघु सिंचाई विभाग 08
विभाग का नाम आरोपी की संख्या
उद्योग विभाग 09
सहकारिता 07
नगर विकास 07
वन विभाग 04
आवास बोर्ड 06
आपूर्ति विभाग 11
मत्स्य विभाग 01
विद्युत पर्षद 02
राजस्व एवं भूमि सुधार 01
ग्रामीण अभियंत्रण 15
पथ निर्माण 21
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण 14
निगरानी के लिए जांच करना होगा चुनौतीपूर्ण
निगरानी के लिए अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा. निगरानी के अधिकारियों के अनुसार मामले काफी पुराने हैं. जिनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की जायेगी. उनमें से कई अधिकारी तो वर्तमान में सेवानिवृत्त भी हो चुके होंगे. पुराने मामलों में शामिल अधिकारी जीवित हैं या मृत इसकी जानकारी भी नहीं है. वर्तमान में वे कहां रहते हैं? इसके साथ ही संबंधित अधिकारी सेवानिवृत्त नहीं हैं तो वर्तमान में किस विभाग में कार्यरत हैं? यह पता लगाना निगरानी के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य होगा.
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